PM मोदी की टिप्पणी ‘आज का युग युद्ध का नहीं है’ पर US की प्रतिक्रिया, अमेरिका ने भारत को बताया प्रमुख सहयोगी

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 1 मार्च को भारत दौरे पर आएंगे। उससे पहले अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। बाइडन प्रशासन ने सोमवार को कहा कि भारत अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है।

 

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 1 मार्च को भारत दौरे पर आएंगे। उससे पहले अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने भारत को अपना प्रमुख सहयोगी बताया है। अमेरिका का ये बयान पीएम मोदी के ‘आज का युग युद्ध का नहीं है’ टिप्पणी के बीच आया है।

‘अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है भारत’बाइडन प्रशासन ने सोमवार को कहा कि भारत अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है। बता दें कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक सहित कई प्रमुख सम्मेलनों में भाग लेने के लिए नई दिल्ली रवाना हो गए हैं। एंटनी ब्लिंकन क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी शामिल होंगे और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

क्या बोले प्रवक्ता नेड प्राइस प्रेसअमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा भारत हमारा एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है। भारत के साथ हमारे व्यापक और गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा द्विपक्षीय संबंधों में एजेंडे पर काफी कुछ होगा और बहुपक्षीय कार्यक्रमों में वह जी20 के दौरान भाग लेंगे।

हमारा एक प्रमुख भागीदार है भारत- अमेरिकाउन्होंने आगे कहा कि हम स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भारत के साथ एक दृष्टिकोण साझा करते हैं और क्वाड के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय समूहों के संदर्भ में भारत द्विपक्षीय रूप से हमारा एक प्रमुख भागीदार है, यहां तक कि हमने कुछ ऐसी साझेदारी को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया है, जिसमें भारत एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है। हमने हाल ही में I2U2 के बारे में काफी बात की है, जो एक नई साझेदारी है और इसमें भारत, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है।

1 मार्च को भारत दौरे पर पहुंचेंगे अमेरिकी विदेश मंत्रीबता दें कि कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान की अपनी यात्रा के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तीन दिवसीय भारत यात्रा पर 1 मार्च को पहुंचेंगे। उनकी द्विपक्षीय बैठकों के दौरान रूस और चीन दोनों के बातचीत में शामिल होने की उम्मीद है।

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