कोतवाली प्रभारी अमित कुमार मान ने बताया कि महेंद्रपाल के पास भले ही वर्दी न हो पर उसकी वजह से कोतवाली परिसर में साफ-सफाई रहती है। वह भी पुलिस परिवार का हिस्सा है। मुसीबत में किसी के काम आना ही इंसान होने का प्रमाण है।
नोएडा, अपराध की जद में उलझी रहने वाली खाकी का एक मानवीय चेहरा भी होता है, जो समय-समय पर सामने आता रहता है। नोएडा पुलिस की एक मानवीय पहल की सराहना हो रही है।
सेक्टर-63 कोतवाली परिसर की साफ-सफाई करने वाले बागपत के बड़ौत के महेंद्रपाल की पत्नी कैंसर से जूझ रही हैं। जीवन भर की कमाई महेंद्र ने पत्नी के इलाज में लगा दी। महेंद्रपाल की पत्नी की अंतिम इच्छा थी कि वह बेटी आशू पाल को दुल्हन बनता हुआ देख लें। गरीबी के भंवर में फंसे महेंद्र बेटी की शादी के लिए करीबियों और दोस्तों से पैसे उधार मांगे पर मदद नहीं मिली। यह बात जब कोतवाली प्रभारी व वहां तैनात पुलिसकर्मियों को पता चली तो बेटी की शादी का जिम्मा पुलिसकर्मियों ने उठा लिया।16 अप्रैल को आशू की शादी मुजफ्फरनगर के युवक संग हो गई। बिटिया की शादी में आभूषण, लहंगा, खाने का इंतजाम, टेंट, मोटरसाइकिल, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से लेकर हर चीज की व्यवस्था पुलिसकर्मियों ने की।
‘कुछ काम सुकून के लिए किए जाते हैं’कोतवाली प्रभारी अमित कुमार मान ने बताया कि महेंद्रपाल के पास भले ही वर्दी न हो पर उसकी वजह से कोतवाली परिसर में साफ-सफाई रहती है। वह भी पुलिस परिवार का हिस्सा है। मुसीबत में किसी के काम आना ही इंसान होने का प्रमाण है। उसकी खुशी में ही पुलिसकर्मियों की खुशी है। कुछ काम तारीफ पाने के लिए नहीं सुकून के लिए किया जाता है।
‘इतने भाई हों तो जिंदगी हो जाती है आसान’आशु ने कहा कि खाकी ने उनकी कदमों में जीवनभर की खुशियां डाल दीं। इतने भाइयों का हाथ अगर किसी बेटी के सिर पर हो जिंदगी आसान हो जाती है। कन्यादान की रस्म में भी पुलिसकर्मियों ने करीब एक लाख रुपये खर्च किए।