यह सभी नोडल अधिकारी शुक्रवार को अपने-अपने जिलों में रवाना हो गए हैं और चार दिन में जिलों की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। जिलों में डीएम को नोडल अधिकारियों को रिपोर्ट करना होगा।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के साथ ही डेंगू तथा वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको देखते हुए शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के लिए एक-एक वरिष्ठ आइएएस अफसर को नोडल अधिकारी बनाया है। यह सभी नोडल अधिकारी शुक्रवार को अपने-अपने जिलों में रवाना हो गए हैं और चार दिन में जिलों की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। जिलों में डीएम को नोडल अधिकारियों को रिपोर्ट करना होगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के साथ ही वायरल फीवर तथा डेंगू के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सीनियर अफसरों को जिलों में नोडल अधिकारी के रूप में तैनात कर चार दिन में उनसे रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में नोडल अफसर शुक्रवार शाम तक जिलों में पहुंचेंगे। इनके निर्देशन में जिलाधिकारी वहां पर बड़े स्तर पर राहत के साथ साफ-सफाई का अभियान चलाएंगे। नोडल अधिकारी चार दिन जिलों में रहकर समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके बाद सात सितंबर को मुख्यालय आकर रिपोर्ट सौपेंगे।
उत्तर प्रदेश में लगातार बाढग़्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानसून के बाद बढ़ती बीमारियों को लेकर आज बड़ा निर्णय है। जिलों में बाढ़ और डेंगू को लेकर नोडल अफसरों को तैनात करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का युद्धस्तर पर राहत और साफ-सफाई अभियान को लेकर बड़ा निर्णय है। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अफसरों को जिलों का नोडल अफसर नियुक्त किया है।
जिलों के नोडल अफसर बाढ़ या फिर भारी बरसात के कारण एकत्र जल से पैदा होने वाली बीमारियों पर रोकथाम के लिए जिलों में हो रहे काम की समीक्षा करने के साथ स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। नोडल अधिकारी जिलों में कैंप कर परिस्थितियों का आंकलन करने के साथ ही साथ जिलों के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता व सैनेटाइजेशन, फॉगिंग के साथ बाढ़ राहत कैम्पों का निरीक्षण करके जनसमस्याओं का निस्तारण करेंगे।
मुख्यमंत्री का निर्देश है कि सभी नोडल अधिकारी अपने आवंटित जनपदों में तीन की शाम तक अवश्य पहुंचें। वह आवंटित जनपद की चार दिन तक समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण करने के बाद सात सितंबर को राज्य मुख्यालय प्रस्थान करें।
पांच से लेकर 12 सितंबर तक हर जनपद में स्वच्छता, सैनेटाइजेशन, शुद्ध पेयजल आपूॢत को लेकर व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास और पंचायती राज को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है।