WTC के दूसरे सीजन में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भारत की सबसे बड़ी परीक्षा क्यों है, लक्ष्मण ने बताया

इंग्लैंड के पिछले तीन दौरों पर लगातार मिल रही हार से कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री अच्छी तरह से वाकिफ होंगे और ये बात उनके दिमाग में भी होगी। इस बार ये कोशिश होगी कि इस ट्रेंड को रोका जाए।

 

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे सीजन में टीम इंडिया अपने अभियान की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों के साथ करेगी। इस टेस्ट सीरीज की शुरुआत चार अगस्त से होगी। आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप सीजन दो में आगे बढ़ने के लिए टीम इंडिया के लिए ये टेस्ट सीरीज काफी अहम होगा। भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले सीजन के फाइनल में न्यूजीलैंड के फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इंग्लैंड के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज को लेकर टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे सीजन में ये भारत की सबसे कठिन परीक्षा होगी।

वीवीएस लक्ष्मण ने टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे अपने कॉलम के जरिए कहा कि, भारत के लिए क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में विदेशी धरती पर जीत हासिल करना सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रहा है। भारत ने इंग्लैंड में साल 2007 में आखिरी टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके बाद टीम इंडिया 2011, 2014 और 2018 में इंग्लैंड दौरे पर गई, लेकिन तीनों बार उसे टेस्ट सीरीज में हार ही मिली थी। पिछले तीन दौरों पर लगातार मिल रही हार से कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री अच्छी तरह से वाकिफ होंगे और ये बात उनके दिमाग में भी होगी। इस बार ये कोशिश होगी कि इस ट्रेंड को रोका जाए और अभी टीम इंडिया की जो ताकत है उसे देखते हुए ये उम्मीद करना गलत भी नहीं है।

वीवीएस ने आगे कहा कि, ये इंग्लैंड दौरा भारत के लिए सबसे बड़ी परीक्षा होगी। उन्होंने साउथ अफ्रीका के बारे में बात करते हुए कहा कि, ये टीम अब पहले जैसी नहीं रही। भारत ने पिछले कुछ साल में वहां बेहतर खेल दिखाया है। इस वजह से साल के आखिर में वो वहां पर सीरीज जीत सकते हैं। वहीं इंग्लैंड में इस टेस्ट सीरीज में किया गया प्रदर्शन भारत की टेस्ट में स्थिति भी अच्छी करेगा साथ ही टीम में आत्मविश्वास का संचार होगा। भारत को आखिरी इंग्लैंड दौरे यानी साल 2018 में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था।

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