WTC के फाइनल में भारतीय टीम ने की ये 2 बड़ी गलतियां, पूर्व चयनकर्ता ने बताया कारण,

भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता सरनदीप सिंह ने बताया है कि आखिरकार भारतीय टीम से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप यानी WTC के फाइनल में कहां गलती हुई। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ खिताबी मैच 8 विकेट से हारना पड़ा था।

 

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत के पूर्व चयनकर्ता सरनदीप सिंह का मानना है कि इंग्लैंड के दौरे पर “अपने सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाज” भुवनेश्वर कुमार को नहीं ले जाना एक बहुत बड़ी गलती थी। उनका ये भी कहना है कि शार्दुल ठाकुर को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा होना चाहिए था। शार्दुल ठाकुर 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं थे, इसलिए उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया जा सका, क्योंकि साउथैप्टन में बारिश ने पिच को तेज गेंदबाजों के लिए परिस्थितियों को और अधिक अनुकूल बना दिया।

सरनदीप ने कहा कि डब्ल्यूटीसी फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ 4 अगस्त से शुरू हो रहे पांच टेस्ट के लिए भुवनेश्वर को नहीं चुनना चौंकाने वाला फैसला है। सरनदीप सिंह का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत के साथ समाप्त हो गया। उन्होंने कहा, “खेल से दो दिन पहले चुने गए प्लेइंग इलेवन में दो स्पिनर थे, लेकिन इसे बदलना चाहिए था, क्योंकि परिस्थितियां तेज गेंदबाजी (बारिश के बाद) के अनुकूल हो गई थीं।”

पूर्व चयनकर्ता ने कहा, “आपने दो स्पिनरों (आर अश्विन और रवींद्र जडेजा) को चुना, क्योंकि वे बल्लेबाजी कर सकते हैं। एकमात्र तेज गेंदबाज जो बल्लेबाजी कर सकता था, वह शार्दुल ठाकुर थे और वह अंतिम 15 में नहीं थे। उन्हें 15 सदस्यीय टीम में होना चाहिए था, भले ही उन्हें अंतिम एकादश में मौका दिया जाता या नहीं।” फिर से फिट होने के बाद भुवनेश्वर कुमार को श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए उपकप्तान बनाया गया। वहीं, सरनदीप सिंह ने कहा है कि वे यूके दौरे के लिए इस चालाक गेंदबाज को ऑटोमेटिक च्वाइस मानते हैं।

 

उनका कहना है, “भुवी को इंग्लैंड नहीं ले जाना बहुत बड़ी गलती है। वह आपके पास सबसे अच्छा स्विंग गेंदबाज है और वह टीम का हिस्सा भी नहीं है।” शार्दुल को लेकर सरनदीप सिंह ने कहा, “अब आप केवल हार्दिक पांड्या पर निर्भर नहीं रह सकते। आप नहीं जानते कि वह कब सभी प्रारूपों में गेंदबाजी करने के लिए फिट होंगे, इसलिए शार्दुल जैसे किसी को तैयार करने की जरूरत है या यहां तक कि विजय शंकर या शिवम दुबे भी हैं।”

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