अंतर राष्ट्रीय साक्षरता दिवस यानी आठ सितंंबर को प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों के छात्र छात्राओं को साक्षरता का महत्व बताया जाएगा। निदेशक साक्षरता ने इस संबंध में सभी शिक्षण संस्थानों के साथ डीआइओएस व बीएसए को भेजा पत्र को निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, अंतर राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की प्रार्थना सभा में छात्र-छात्राओं को साक्षरता का महत्व बताया जाएगा। इसके जरिए बच्चे अपने घर व आसपास के निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाने को प्रेरित होंगे।
निदेशक साक्षरता गणेश कुमार ने डायट प्राचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि आठ सितंबर को अंतर राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन गांवों से लेकर जिला मुख्यालय तक होना है। जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के साथ इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली जाए।
जिले के परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, मान्यता प्राप्त, हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, महाविद्यालय, बीएड, डीएलएड व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों की प्रार्थना सभाओं में साक्षरता की जानकारी दी जानी है। निर्देश है कि परिषदीय प्राथमिक व मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक व छात्र-छात्राएं ग्राम पंचायत स्तर पर साक्षरता रैली निकालें। तख्तियों पर साक्षरता संबंधी नारे लिखे हों।
इसी तरह से हाईस्कूल, इंटर, डिग्री कालेज, बीएड संस्थानों में साक्षरता से संबंधित भाषण, निबंध लेखन, नारे व नाटक और गीत आदि की प्रतियोगिता कराई जाए। जिला स्तर पर जनप्रतिनिधि व जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अंतर विभागीय समन्वय करके बड़े पैमाने पर आयोजन कराएं। इसमें जिले की निरक्षर जनसंख्या को साक्षर बनाने के लिए रेखांकित किया जाए।