जापान के शोधकर्ताओं ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चूहे का भ्रूण विकसित करने में सफलता पाई है। इस शोध से जुड़े प्रोफेसर टेरुहिको वाकायामा का कहना है कि हमने पाया कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में भी भ्रूण ब्लास्टोसिस्ट स्टेज तक सामान्य रूप से विकसित होता है।
टोक्यो। जापान के शोधकर्ताओं ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चूहे का भ्रूण विकसित करने में सफलता पाई है। यामानाशी विश्वविद्यालय की टीम ने लैब में चूहे के निषेचित अंडे को ब्लास्टोसिस्ट में सफलतापूर्वक विकसित किया।
जर्नल आइसाइंस में प्रकाशित हुआ शोध
ब्लास्टोसिस्ट को उस चरण के रूप में समझ सकते हैं, जहां कोशिकाएं पहली बार इनर सेल मास सेल्स में विभेदित होती हैं और भ्रूण बन जाती हैं। साथ ही बाद में प्लेसेंटा बन जाती हैं। यह शोध जर्नल आइसाइंस में प्रकाशित किया गया है। इस शोध से जुड़े प्रोफेसर टेरुहिको वाकायामा का कहना है कि हमने पाया कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में भी भ्रूण ब्लास्टोसिस्ट स्टेज तक सामान्य रूप से विकसित होता है।
उन्होंने कहा कि स्तनधारियों के मामले में हमें यह जांचने की जरूरत है कि क्या उनका प्रत्यारोपण कर उन्हें ठीक से विकसित किया जा सकता है। शोध में पता चला है कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में विकसित ब्लास्टोसिस्ट की भिन्नता, डीएनए क्षति की दर और जीन अभिव्यक्ति अन्य परिस्थिति से भिन्न नहीं थी। शून्य-गुरुत्वाकर्षण परीक्षण से 12 ब्लास्टोसिस्ट में से तीन में इनर सेल मास सेल्स सामान्य के बजाय दो स्थानों पर जमा हो गई। ऐसे ब्लास्टोसिस्ट में जुड़वां विकसित होने की संभावना होती हैं।