पाकिस्तान की सियासत भारत विरोध के रूप में चलती रही है। पाकिस्तान की राजनीति में ऐसा अक्सर देखने को मिलता है। ऐसा कई दफे हुआ है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों ने अपनी आंतरिक समस्याओं एवं राजनीतिक गतिरोध से ध्यान बंटाने के लिए भारत को आगे लाते रहे हैं।
इस्लमाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सियासत पूरी तरह से भारत के विरोध पर टिकी है। कोरोना महामारी के बीच एक बार फिर इमरान ने अपनी एक जनसभा में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तुलना भारत से करते हुए देश में वाहवाही लूटने में लगे रहे। ऐसा करके वह पाकिस्तान की आवाम का ध्यान देश की मूल समस्याओं से भटकाना चाहते हैं। विशेषज्ञों की राय है कि उनका यह बयान देश की समस्याओं से जनता का ध्यान हटाना है। उनका कहना है कि वह देश की समस्याओं के समाधान के बजाए भारत से तुलना करने में व्यस्त हैं। हालांकि, अभी तक उनके इस बयान पर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों का कोई बयान नहीं आया है। आइए हम आपको बताते हैं अपने भाषण में इमरान खान ने क्या कहा।
सत्ता संभालते ही कर्ज में डूबा पाकिस्तान
प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि वर्ष 2018 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी बहुमत में आई और वह देश के प्रधानमंत्री बनें। इमरान खान की ताजपोशी ऐसे वक्त हुई, जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई थी। उनके कार्यकाल में पाकिस्तान पूरी तरह से कर्ज में डूब गया है। महंगाई ने देश में सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। आलम यह हुआ कि पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था कर्ज पर आश्रित हो गई। इमरान का पूरा कार्यकाल देश के विकास में कम और कर्ज लेने में व्यतीत हुआ। इमरान की राजनयिक यात्रा का मकसद देश के लिए कर्ज मुहैया कराना हो गया। कई बार सऊदी अरब, चीन और मध्य एशियाई मुल्कों के सामने कर्ज के लिए गिड़गिड़ाते रहे।
समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए भारत का किया विरोध
प्रो. पंत का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार दूसरे देशों से कर्ज लेकर बैंक रिजर्व बढ़ा रही है और इसको मुल्क की बेहतर अर्थव्यवस्था मान रही है। उन्होंने कहा दुनिया में कोरोना के बढ़ते प्रसार के चलते पाकिस्तान को अब कर्ज लेने में दिक्कतें आ रही है। इतना ही नहीं उन पर अन्य मुल्कों से कर्ज वापसी का भी जबरदस्त दबाव बढ़ा है। कोरोना महामारी के दौरान देश की आर्थिक व्यवस्था पहले से ज्यादा पंगु हुई है। ऐसे में इमरान सरकार के खिलाफ उठ रहे विरोध को रोकने के लिए वह भारत का नाम ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरान यह कोई नया काम नहीं कर रहे हैं। पाकिस्तान की राजनीति में ऐसा अक्सर देखने को मिलता है। ऐसा कई दफे हुआ है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों ने अपनी आंतरिक समस्याओं एवं राजनीतिक गतिरोध से ध्यान बंटाने के लिए भारत को आगे लाते रहे हैं।
आखिर मुल्तान में इमरान ने क्या कहा
- मुल्तान में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान इमरान ने दावा किया है कि हाल के महीनों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत से बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि भारत की ग्रोथ रेट सात फीसद है, पाकिस्तान की ग्रोथ रेट चार फीसद है। अलबत्ता इसी भाषण में उन्होंने ये भी माना कि इन सबके बावजूद भारत की स्थिति काफी मजबूत है।
- उन्होंने कहा जरा देखिए कि भारत ने क्या फैसले किए, और हमने क्या किए। दोनों देशों की तुलना कीजिए। हम कैसे उनसे आगे निकल गए। आज भारत की ग्रोथ रेट से हम थोड़ा ही पीछे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। इस भाषण के दौरान ही उन्होंने इस सच्चाई को भी स्वीकार किया कि हालांकि, आज भी हम उनके जैसे मजबूत नहीं हैं।
- इमरान ने कहा कि हमारी सरकार कई क्षेत्रों को बेहतर बनाने के एजेंडे पर आगे बढ़ रही है। इसमें कृषि, आईटी और टूरिज्म शामिल हैं। इमरान ने कहा कि हमारी पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी अपने टूरिज्म सेक्टर को सही इस्तेमाल नहीं किया। अगर आप अपनी तमाम छुट्टियां लंदन में मनाते हैं तो ये कैसे समझ पाएंगे कि हमारे मुल्क में कितनी खूबसूरत जगहें और टूरिस्ट प्लेस हैं। मैं आपसे वादा करता हूं कि देश को एक बहुत बड़ी खुशखबरी जल्द दूंगा।