अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात को देखते हुए कंधार में भारतीय दूतावास के कुछ कर्मचारियों को वापस लाया गया है। राजनयिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। हालांकि कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास बंद नहीं हुआ है।
नई दिल्ली । अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात को देखते हुए कंधार में भारतीय दूतावास के कुछ कर्मचारियों को वापस लाया गया है। राजनयिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। इस बीच, वाणिज्य दूतावास की आपातकालीन सेवाएं चालू हैं। राजनयिक सूत्रों ने यह भी कहा है कि कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद होने की खबरें गलत हैं और मिशन में काम हों रहा है।
भारत ने पहले ही संकेत दिया था कि अगर सुरक्षा की स्थिति बिगड़ती है, तो वह अपने नागरिकों और अधिकारियों को अफगानिस्तान से वापस लाएगा। देश में आतंकी समूह तालिबान काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और कई प्रांतों पर कब्जा कर चुका है। सूत्रों ने पहले समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया था कि अफगानिस्ताम में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने के साथ, हमारे नागरिकों और उस देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद अधिकारियों को वापस लाने की योजनाओं पर चर्चा की गई है। कई एजेंसियां इस उद्देश्य के लिए चर्चा में शामिल हैं। कंधार और मजार में वाणिज्य दूतावासों के साथ काबुल में भारत का दूतावास है, जहां इसके 500 से अधिक कर्मचारी तैनात हैं।
हेरात और जलालाबाद में दो वाणिज्य दूतावासों ने पहले ही वहां काम करना बंद कर दिया था। 2001 में अमेरिकी आक्रमण और तालिबान के पतन के बाद अफगानिस्तान में भारत की काफी उपस्थिति रही है। वह वहां लगातार सरकारों की मदद करता रहा है। इसमें उत्तरी गठबंधन के सदस्य भी शामिल हैं, जो लंबे समय से भारत के साथ मित्र रहे हैं। भारत ने अफगानिस्तान के पुनर्विकास के लिए बहुत काम किया है और युद्धग्रस्त देश के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली कई सड़कों के साथ-साथ संसद भवन के निर्माण में मदद की है।
अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति को अस्थिर और बिगड़ा हुआ बताते हुए भारत में अफगान दूत फरीद ममुंडजे ने कहा है कि तालिबान को हिंसा बंद करने की जरूरत है और रक्तपात का अंत होना चाहिए। अगस्त में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी के मद्देनजर तालिबान काफी तेजी से नए जिलों और क्षेत्रों पर कब्जा कर रहा है।