अभी भारत एसी व एलईडी लाइट के कंपोनेंट के लिए काफी हद आयात पर निर्भर करता है। इस आयात में चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। भारत में कंपोनेंट का आयात कर एलईडी लाइट और एसी का निर्माण किया जाता है।
नई दिल्ली, अगले दो वर्षों में देश में ही एसी और एलईडी लाइट के कंपोनेंट बनने लगेंगे। सरकार ने एसी और एलईडी लाइट के कंपोनेंट यानी पुर्जो पर उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना को अधिसूचित कर दिया है। भारत में निर्मित इन कंपोनेंट की बिक्री में हर साल बढ़ोतरी पर सरकार निर्माता कंपनी को चार से छह फीसद तक प्रोत्साहन देगी। साथ ही इन कंपनियों को हर साल अपने प्लांट व मशीनरी के निवेश में भी बढ़ोतरी करनी होगी। पांच साल में 6,238 करोड़ रुपये इंसेंटिव देने का प्रविधान किया गया है।
अभी भारत एसी व एलईडी लाइट के कंपोनेंट के लिए काफी हद आयात पर निर्भर करता है। इस आयात में चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। भारत में कंपोनेंट का आयात कर एलईडी लाइट और एसी का निर्माण किया जाता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आयातित पुर्जो को जोड़कर उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियों को इंसेंटिव नहीं मिलेगा।
उद्योग विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, एसी से जुड़े कंप्रेशर, कॉपर ट्यूब, एल्यूमिनियम फॉयल, पीसीबी एसेंबली ऑफ कंट्रोलर्स, बीएलसीडी मोटर्स, सर्विस वाल्व और क्रॉस फ्लो फैन जैसे कंपोनेंट के निर्माण पर इंसेंटिव का प्रविधान किया गया है।
एलईडी लाइट के लिए चिप पैकेजिंग, एलईडी चिप, एलईडी ड्राइवर्स, एलईडी इंजन, पैकेजिंग, मोड्यूल्स, रेजिस्टर्स, आइसी, फ्यूजेज, वायर इंडक्टर जैसे कंपोनेंट निर्माता इंसेंटिव के पात्र होंगे। पीएलआइ के लिए बड़े, मध्यम व छोटे निवेश की श्रेणी भी रखी गई है। भारत में एसी का बाजार सालाना 10 फीसद से अधिक की दर से बढ़ रहा है। वहीं, एलईडी लाइट्स का भारत प्रमुख निर्यातक बन रहा है। लेकिन कंपोनेंट के लिए वह आयात पर निर्भर करता है।