आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने नई ऊर्जा अर्थव्यवस्था पर दोनों देशों की साझेदारी को लेकर भारतीय मीडिया से की बात। आस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि ये प्रौद्योगिकी सिर्फ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए हैं।
कैनबरा, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारीसन ने गुरुवार को कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय बदलाव के दौर से गुजर रहा है। नई ऊर्जा अर्थव्यवस्था पर दोनों देशों की साझेदारी के संबंध में भारतीय मीडिया से आनलाइन बातचीत में मारीसन ने कहा, ‘व्यावसायिक पैमाने पर प्रौद्योगिकी को अपनाने की क्षमता नई ऊर्जा अर्थव्यवस्था (एनईई) की सफलता की कुंजी है और भारत इसे समझता है। भारत अपनी अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय बदलाव के दौर से गुजर रहा है और वह अपनी ऊर्जा अर्थव्यवस्था के भविष्य की तलाश में है।’ हाल ही में क्वाड नेताओं के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मारीसन के बीच विभिन्न प्रस्तावों पर सहमति बनी थी। इनमें कम कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी साझेदारी पर समझौता शामिल है।
मारीसन ने कहा कि आस्ट्रेलिया का दृष्टिकोण अगले 30 वर्षो में पूर्ण बदलाव के साथ नई ऊर्जा अर्थव्यवस्था को लागू करना है। इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी आधारित अर्थव्यवस्था के जरिये विकास और रोजगार सृजन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन, इसके लिए धैर्य बहुत जरूरी है। इसलिए, हम प्रौद्योगिकी पर एकसाथ काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह एक अहम साझेदारी है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि दोनों देश संक्रमण के इस दौर से गुजरने में सक्षम हैं। लेकिन, इससे भी कहीं अहम यह है कि आप इसे कैसे करते हैं। यह सिर्फ लक्ष्यों को निर्धारित करने और काम शुरू करने जैसा नहीं है।’
आस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि ये प्रौद्योगिकी सिर्फ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलाग (क्वाड) की बैठक में भी कहा गया कि नई ऊर्जा अर्थव्यवस्था को लेकर पूरी दुनिया में उत्साह है। क्वाड की बैठक में मारीसन और पीएम मोदी ने कहा था कि शून्य कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी को हासिल किया जा सकता है।