कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के कम होते प्रभाव और कम होती ठंड के बीच सोमवार को स्कूल फिर से गुलजार हो गए। लंबे समय से बंद स्कूलों में नर्सरी से कक्षा 12 तक की सभी कक्षाएं आफलाइन माध्यम से शुरू हुईं। अभिभावक भी बेझिझक बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचे।
लखनऊ, कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के कम होते प्रभाव और कम होती ठंड के बीच सोमवार को स्कूल फिर से गुलजार हो गए। लंबे समय से बंद स्कूलों में नर्सरी से कक्षा 12 तक की सभी कक्षाएं आफलाइन माध्यम से शुरू हुईं। इसे लेकर स्कूलों ने भी तैयारी पूरी कर रखी थी और अभिभावक भी बेझिझक बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचे।
कोरोना वायरस संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए शासन ने इससे पहले शासन द्वारा सात फरवरी से कक्षा नौ से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी माध्यमिक स्कूल, विश्वविद्यालय और डिग्री कालेजों को खोलने का फैसला जारी किया गया था। अभी तक आनलाइन कक्षाएं चल रही थी, लेकिन अब कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए भौतिक रूप से सभी कक्षाएं चलेंगी। सोमवार को बच्चों के बैठने की व्यवस्था भी शारिरिक दूरी के साथ कि गई थी। साथ ही गेट पर सैनिटाइजर आदि के इंतजाम भी देखे गए।
क्या कहते है डीआईओएस व बीएसएः डीआइओएस डा अमरकांत सिंह और बीएसए विजय प्रताप सिंह का कहना है कि शासन स्तर पर लिया गए निर्णय का सभी स्कूलों को पालन करना है। स्कूलों को कोरोना को लेकर जारी दिशा निर्देश को भी ध्यान में रखना होगा।
सभी निजी स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का ध्यान रखते हुए व्यवस्थाएं की गई हैं। शारीरिक दूरी के अनुसार बैठने की व्यवस्था की गई है। कोविड हेल्पडेस्क भी बनाए गए हैं। स्कूल परिसर में बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश न दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।
अतुल श्रीवास्तव, अध्यक्ष, एसोसिएशन आफ प्राइवेट स्कूल एवं अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
कोरोना के मामले नियंत्रण में हैं। बच्चों की पढ़ाई का भी पहले से ही काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में आज से छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाने का शासन का यह फैसला उचित है।
पीके श्रीवास्तव, अभिभावक संघ