आजम खां को कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, भड़काऊ भाषण मामले में हुई है तीन साल की सजा, अब 16 को सुनवा

आजम खां को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 27 अक्टूबर को सजा सुनाई थी। जिस मामले में सजा सुनाई थी वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का था। आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे। तब सपा और बसपा का गठबंधन था।

 

रामपुर : भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा पाने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की। अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्र दिया। इस दौरान आजम खां भी अदालत में मौजूद रहे। अदालत ने उनकी अपील स्वीकार करते हुए अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। अदालत अब 16 नवंबर को सुनवाई करेगी,

27 अक्‍टूबर को सुनाई गई थी तीन साल की सजाआजम खां को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 27 अक्टूबर को सजा सुनाई थी। जिस मामले में सजा सुनाई थी, वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का था। आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे। तब सपा और बसपा का गठबंधन था। वह गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर उम्मीदवार थे। वह चुनाव जीत गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ मिलक कोतवाली में एक प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें उन पर सात अप्रैल 2019 को ग्राम खाता नगरिया में चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर अमर्यादित भाषण देने का आरोप है।

धर्म के नाम पर वोट देने की अपील की थीइसके अलावा उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी आन्‍जनेय कुमार सिंह (वर्तमान में कमिश्नर मुरादाबाद) के लिए भी अपशब्द कहे थे। उन्होंने भड़काऊ भाषण देते हुए वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट की अपील की थी। उनके बयान का वीडियो वायरल हो गया था। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। हालांकि अदालत ने उन्हें सजा के आदेश के खिलाफ अपील के लिए समय देते हुए जमानत पर छोड़ दिया था।

एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई थी सजा बुधवार को आजम खां ने कचहरी पहुंचकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में सजा के खिलाफ अपील दायर की। अदालत ने अपील स्वीकार कर ली है। आजम खां ने अंतरिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। अपील पर अब 16 नवंबर को सुनवाई होगी।

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