आठ साल के निचले स्तर पर पहुंचा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार, विदेशी लोन चुकाने के लिए नहीं हैं पैसे

कर्ज में डूबे पाकिस्तान की हालत धीरे-धीरे और खराब होती जा रही है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच चुका है। अगर यही हाल रहा तो पाक पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है।

 

इस्लामाबाद, एजेंसी । पाकिस्तान के सामने डिफॉल्टर होने का खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार आठ साल के निचले स्तर 5.5 अरब डॉलर पर आ गया है। सरकार की ओर से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिशों के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार घट गया है।

डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 दिसंबर 2022 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) का रिजर्व आठ साल के निचले स्तर 5.576 अरब डॉलर पर आ गया।  एसबीपी विदेशी मुद्रा भंडार से बाहरी ऋण को चुकाने के लिए  245 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिया गया है।

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विदेशी ऋण चुकाना सबसे बड़ी चुनौतीडिफॉल्ट होने के गंभीर खतरे का सामना कर रही PMLN के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए विदेशी ऋण चुकाना सबसे परेशान करने वाला सवाल है। समाचार पत्र के अनुसार, अगली किश्त जारी के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के कई प्रयास विफल हो चुके हैं।

डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया कमजोरगिरते विदेशी मुद्रा भंडार ने पहले ही अमेरिकी डॉलर और अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये को बहुत कमजोर कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीपी का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2022 के 16.6 अरब डॉलर से 11 अरब डॉलर घटकर 5.6 अरब डॉलर रह गया। इस भारी गिरावट की वजह से सरकार के पास मित्र देशों से अधिक उधार लिए बिना अपने विदेशी ऋणों का भुगतान करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एसबीपी का भंडार केवल तीन सप्ताह के आयात के लिए पर्याप्त है।

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विदेशी बैंक ले रहे हैं भारी शुल्कदरअसल, विदेशी बैंक साख पत्र खोलने के लिए भारी शुल्क ले रहे हैं। वहीं, स्थानीय बैंक डॉलर की भारी कमी के कारण एसबीपी द्वारा प्रतिबंधित किए गए हैं। एसबीपी ने बताया कि डॉलर गुरुवार को 17 पैसे की तेजी के साथ 227.12 रुपए पर बंद हुआ। मगर, इंटरबैंक बाजार में मुद्रा डीलरों ने डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत 228.10 बताई। लिहाजा, हालात बहुत ज्यादा चिंताजनक हैं।

वित्त मंत्री को अब भी है उम्मीदएसबीपी रिजर्व में तेजी से कमी के बावजूद, वित्त मंत्री इशाक डार को उम्मीद है कि मित्र देशों द्वारा अपेक्षित वित्तीय मदद के वादे के साथ स्थिति में सुधार होगा। हालांकि, अभी तक उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।

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