कोरोना संकट की आड़ में आतंकी फंडिंग के लिए धन जमा कर रहे हैं। यह चंदा कोरोना संकट में भारत की मदद के नाम पर जुटाया जा रहा है। यह अंदेशा जताया जा रहा है कि चंदे में मिले लाखों डॉलर का इस्तेमाल आतंकी हमलों में किया जा सकता है।
वाशिंगटन, अमेरिका में सक्रिय पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले चैरिटी संगठन कोरोना संकट की आड़ में आतंकी फंडिंग के लिए धन जमा कर रहे हैं। यह चंदा कोरोना संकट में भारत की मदद के नाम पर जुटाया जा रहा है। यह अंदेशा जताया जा रहा है कि चंदे में मिले लाखों डॉलर का इस्तेमाल विरोध भड़काने और आतंकी हमलों में किया जा सकता है।
30 करोड़ से लेकर 158 करोड़ तक मिलने का अनुमान
डिसइंफो लैब ने ‘कोविड-19 स्कैम 2021’ नामक रिपोर्ट में पाकिस्तान से जुड़े चैरिटी संगठनों के मंसूबों को उजागर किया है। डिसइंफो लैब एक कानूनी संस्था है, जो फेक न्यूज और दुष्प्रचार को उजागर करने का काम करती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नार्थ अमेरिका (आइएमएएनए) ने कम समय में बड़ी धनराशि जमा की है। इस संगठन को 30 करोड़ से लेकर 158 करोड़ तक मिलने का अनुमान है।
कोरोना संकट में भारत की मदद के नाम पर जुटाया जा रहा चंदा
भारत की मदद के लिए दुनियाभर से लोगों ने धन दिए, लेकिन इसकी कोई जवाबदेही नहीं है कि इसका इस्तेमाल कहां हो रहा है। अमेरिका के इलिनोइस स्थित आइएमएएनए एक चिकित्सा राहत संगठन है। इस संगठन का आतंकी संगठनों से जुड़ाव बताया जाता है। आइएमएएनए के चेयरमैन डा. इस्माइल मेहर ने कई इंटरव्यू में संदिग्ध दावे किए। उन्होंने गत सात मई को छह करोड़ रुपये की लागत से चिकित्सा उपकरण खरीदने का दावा किया था। लेकिन ये उपकरण कभी भारत नहीं पहुंचे।
विरोध भड़काने और आतंकी हमलों हो सकता है चंदे का इस्तेमाल
इसी तरह उन्होंने भारत में डीआरडीओ और कृषि मंत्रालय से करार करने का दावा किया था। लेकिन इन दावों की पुष्टि नहीं हो पाई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के कई संगठन हैं, जो मदद के नाम पर धन जमा कर रहे हैं। इनमें से हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट यूएसए और इस्लामिक सर्कल ऑफ नार्थ अमेरिका भी हैं। इन दोनों संगठनों का जुड़ाव पाकिस्तान स्थित जमात-ए-इस्लामी से है।