प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत आर्थिक अपराधियों का पता लगाने के लिए नवीनतम प्रद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही उन्होंने फिनटेक और डिजिटल सिस्टम में तालमेल की जरूरत पर भी बल दिया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक अपराधियों का पता लगाने के लिए राजस्व अधिकारियों को नवीनतम तकनीक अपनाने पर जोर दिया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 65वें स्थापना दिवस के मौके पर अपने संदेश में मोदी ने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में भारत हमेशा ‘अग्रणी’ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि संगठित अपराध और सिंडिकेट की खुफिया जानकारी के साथ जांच और अभियोग में भारत हमेशा सहयोग करता आया है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब समस्या वैश्विक है, तो समाधान भी वैश्विक होना चाहिए। फिनटेक और डिजिटल सिस्टम में नवीनतम रुझानों के साथ तालमेल बनाए रखना आवश्यक है।’
डीआरआई पेश करेगा नजीरप्रधानमंत्री ने एक लिखित संदेश में कहा कि मुझे यकीन है कि डीआरआई देश की अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए सबसे बेहतर प्रथाओं और प्रक्रियाओं को लगातार अपनाएगा। उन्होंने कहा कि डीआरआई के अधिकारियों को अमृत काल के अगले 25 वर्षों में एक सुरक्षित, आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे संकल्प को मजबूत करने के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए और योगदान देना चाहिए।
वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने की जरूरतपीएम मोदी ने डीआरआई अधिकारियों के अथक प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने और देश के आर्थिक हितों की रक्षा करने में मदद की है। आपको बता दें कि पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में डीआरआई अधिकारियों ने 833 किलोग्राम सोना और 321 किलोग्राम कोकीन सहित अन्य वर्जित सामान जब्त किया है।
समारोह को संबोधित करते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने संदेश में कहा कि डीआरआई संवेदनशील सामानों से जुड़े मामलों की जांच में सहायक रहा है। इसने राष्ट्र की सुरक्षा, इसके नागरिकों की सुरक्षा और संवेदनशील तकनीक का प्रसार रोकने के भारत के प्रयास में बहुत योगदान दिया है।