हनुमा ने कहा जैसा कि मैंने कहा काउंटी क्रिकेट खेलते हुए मेरी यह पहली पारी थी। मैंने यह सीखा की गेंद को आराम से रुककर खेलना जरूरी है। एसेक्स के खिलाफ मेरे दूसरे मैच में मैंने 30 और 50 रन बनाए।
नई दिल्ली, भारतीय क्रिकेट टीम के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हनुमा विहारी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले वहां के मौहाल में ढल चुके हैं। काउंटी क्रिकेट में खेलने के लिए हनुमा इंग्लैंड में भारतीय टीम से पहले से हैं। उन्होंने बताया कि क्लब के लिए खेलने का फायदा उनको मिला और इसे वह आगे इस्तेमाल करेंगे। भारत और न्यूजीलैंड के बीच आइसीसी के पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में 18 से 22 जून के बीच खेलेगी।
हनुमा ने कहा, “बिल्कुल यहां खेलना एक चुनौती है। बारिश जैसा मौसम बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है क्योंकि जब आसमान में धूप निकली होती है तो बल्लेबाजी करना थोड़ा आसान हो जाता है। वहीं जब बादल छाए होते हैं तो पूरे दिन गेंद हरकत करती है। यह वो चुनौती थी जो यहां काउंटी क्रिकेट खेलने आने पर शुरुआती सीजन में मुझे सामना करना पड़ा। जब मैं यहां आया तो बहुत ही ज्यादा ठंड थी और इस विकेट पर गेंद बहुत ज्यादा हरकत कर रही थी।”
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स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद का सामना करने पर उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि उस गेंद पर फुल ड्राइव कर सकता था लेकिन इंग्लैंड में आपको अपनी हर एक शॉट खेलने से पहले ध्यान देना होता है, शॉट का चयन बहुत ही ज्यादा अहम हो जाता है। भारत में अगर आप ड्राइव ना कर पाए तो भी गेंद को पुश करके भी बच सकते हैं, आप गेंद को ड्राइव करते भी बच जाते हैं। अगर उस गेंद को मुझे दोबारा से खेलना पड़ा तो मैं जितनी देरी से हो उसे खेलने की कोशिश करूंगा।”
आगे उनका कहना था, “जैसा कि मैंने कहा काउंटी क्रिकेट खेलते हुए मेरी यह पहली पारी थी। मैंने यह सीखा की गेंद को आराम से रुककर खेलना जरूरी है। एसेक्स के खिलाफ मेरे दूसरे मैच में मैंने 30 और 50 रन बनाए। एसेक्स डिफेंडिंग चैंपियन हैं और उनकी गेंदबाजी आक्रमण काफी अच्छी है जिसमें पीटर सिडल और सिमोन हैमर हैं। मुझे लगता है कि मैंने बल्लेबाजी अच्छी की लेकिन इसको एक बड़े स्कोर में बदलना चाहिए था।”