चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आगामी चुनावों की तिथियों की घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के उपचुनाव की तिथियों की जानकारी दी। बता दें कि कानपुर की सीसामऊ प्रयागराज की फूलपुर मैनपुरी की करहल मिर्जापुर की मझवां अयोध्या की मिल्कीपुर अंबेडकरनगर की कटेहरी गाजियाबाद सदर अलीगढ़ की खैर मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर उपचुनाव होना है।
लखनऊ ; उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आगामी चुनावों की तिथियों की घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश की 9 सीटों के उपचुनाव की तिथियों की जानकारी दी। वहीं, अयोध्या के मिल्कीपुर सीट के मतदान की घोषणा नहीं हुई है। बता दें कि कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, मैनपुरी की करहल, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर उपचुनाव होना है।
भाजपा और रालोद में सीटों का बंटवारालोकसभा चुनाव 2024 के बाद खाली हुई 10 विधानसभा सीटों पर भाजपा और रालोद के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है। रविवार को दिल्ली में हुई बैठक भाजपा ने अपने पास 9 सीटें रखी हैं और रालोद को मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट दी है। यह सीट पहले भी रालोद के पास ही थी।
इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव
यूपी में नौ विधानसभा सीटों करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर), कटेहरी (अंबेडकरनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद), खैर (अलीगढ़), गाजियाबाद, फूलपुर (प्रयागराज), मझवा (मिर्जापुर) और मीरापुर (मुजफ्फरनगर) पर उपचुनाव होने हैं। सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है जबकि 9 विधायक, लोकसभा सदस्य बन चुके हैं।
भाजपा नौ सीटों पर उतारेगी अपने प्रत्याशी
यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने नौ सीटों पर खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया है । साथ ही इन सीटों के लिए नौ प्रत्याशियों के नाम को भी फाइनल कर दिया है। यह भी तय किया गया है कि उप चुनाव नए चेहरों को ही अधिक मौका दिया जाएगा। हालांकि इन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा उप चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद की जाएगी। दिल्ली में रविवार को बैठक हुई, जिसमें मीरापुर सीट को रालोद को देने पर सहमति बनी है। यह 2022 में भी रालोद यहां से जीती थी। जबकि नौ सीटों पर भाजपा अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाएगा।
उपचुनाव के लिए सपा ने चला पीडीए दांव, कांग्रेस ने नहीं की कोई बात
उपचुनाव के लिए सपा द्वारा घोषित किए गए उम्मीदवारों में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग से हैं। सपा ने प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही नारा भी दिया था – होगा पीडीए के नाम, एकजुट मतदान। हालांकि, सपा ने सियासी परिवारों से ही पत्नी, बेटे-बेटियों या भाई को मौका दिया है। वहीं, यूपी में अपने सहयोगी दल कांग्रेस से कोई बात नहीं की है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं सपा बची हुई सीटों पर कांग्रेस को मौका दे सकती है।