उन्नाव में नहीं थम रहा पत्रकारो के साथ उत्पीडन का सिलसिला आखिर क्यों मौन है सम्बंधित अधिकारी।

एक बार फिर दबंग कोटेदार की दबंगई आई सामने , आम जन तो दूर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी देता है गाली।

 

आवाज –ए–लखनऊ ~  (संवाददाता) महेन्द्र कुमार

 उन्नाव एक ओर जहाँ हमारी सरकार व जनपदीय प्रशासनिक अमला ग़रीबों को उनका हक़ दिला उनके जीवन को सुचारू करने पर कटिबद्ध है वही दूसरी ओर सरकारी सस्ते दर की दुकानों पर छला जा रहा है आम ग़रीब तबका व नागरिक निर्दंद्वता व निर्भयता का माहौल यह है कि आम जन की तो विसात ही क्या जब घटतौली की शिकायत करने पर एक श्रमजीवी पत्रकार को कोटेदार ने न सिर्फ गालियों से नवाजते हुऐ धमकी दी वरन् जनपद के सभी पत्रकारों को अपशब्द भी कहे।ताजा मामला भगवंतनगर विधान सभा की बीघापुर तहसील के ग्राम सारू खेड़ा का प्रकाश मे आया है।करीब एक पख़वाड़े पूर्व ग्राम सभा का एक ग्राम निवासी पत्रकार जो कि स्वयं भी सरकार की सर्वोदयी अंत्योदय योजना के लाभार्थी है ने जब कोटेदार से कम राशन दिऐ जाने की शिकायत की तो कोटेदार के पुत्र/संचालक पप्पू ने न सिर्फ पत्रकार को वरन् जनपद के सभी पत्रकारिता के क्षेत्र से जुडे लोगों के प्रति भी अपशब्दों का प्रयोग करते हुऐ यह भी कहा कि कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।दो

बताते चले कि ग्राम सारू खेड़ा स्थित उक्त सस्ते दर की दुकान का अनुज्ञापन सेवा निवृत राजस्व निरीक्षक रामपाल के नाम है व संचालन उनका पुत्र पप्पू करता है।क्षेत्रवासियों की मानें तो पप्पू आऐ दिन घटतौली व वितरण़ की अनियमितता संबंधी उपजे विवादों पर अपने पिता (अनुज्ञापी)के उच्च पद से सेवा निवृत्ति को ही अपनी ढाल बनाता है।कोटा संचालक की दबंगई व सेटिंग का आलम यह है कि एक पख़वाडे पूर्व घटित इस घटना का शिकायती प्रार्थना पत्र उप.जिलाधिकारी बीघापुर व थानाध्यक्ष बारासगवर को दिऐ जानें के बाद भी कोटेदार पर अब तक कोई अनुशास्नात्मक कार्यवाही नहीं हो सकी है और कोटेदार सेटिंग गेटिंग के जरिऐ मामले को सुलटाने के लिऐ प्रयासरत है।इस बाबत न्याय की आस में पीड़ित पत्रकार ने अपने एक दर्जन पत्रकार बंधुओं व ग्रामीणों के साथ आज जिलाधिकारी व जिला आपूर्ति कार्यालय मे शिकायती पत्र देकर न्याय व पत्रकारों के सम्मान को सुरक्षित रख़ने की गुहार लगाई है।

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