लखनऊ विकास प्राधिकण ने होटल लेवाना अग्निकांड के मामले में दो सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता ट्रांसफर हुए एक अधीक्षण अभियंता पालिका केंद्रीयित सेवा के एक चीफ इंजीनियर सात सहायक और 11 अवर अभियंताओं को दोषी ठहराया है।
लखनऊ, आपकी तैनाती में आखिर अवैध रूप से होटल कैसे खड़ा हो गया ? कभी आपने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी ? किन अधिकारियों के संरक्षण में यह सब खेल होता रहा ? यह वह सवाल हैं जिनको सुन होटल लेवाना अग्निकांड के दोषी इंजीनियरों के पसीने छूट गए। एक-एक करके दोषी इंजीनियरों से जांच कमेटी ने कई सवाल दागे। कुछ के जवाब उनके पास थे तो कई सवालों के आगे वह निरुत्तर दिखे। एक इंजीनियर जांच में खुद को फंसते देख बोल उठा, मैं फंसूंगा तो सबके नाम बता दूंगा।
होटल लेवाना अग्निकांड में लविप्रा ने दो सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता, ट्रांसफर हुए एक अधीक्षण अभियंता, पालिका केंद्रीयित सेवा के एक चीफ इंजीनियर, सात सहायक और 11 अवर अभियंताओं को दोषी ठहराया था। सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में बनी चार सदस्यीय जांच समिति ने प्रथम दृष्टया इन 22 को दोषी ठहराते हुए शासन को अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की थी।
हालांकि शासन ने इस सूची पर सवाल उठाते हुए केवल इंजीनियर को ही नहीं प्रशासनिक अफसरों को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था। नए सिरे से समिति ने लालबाग में जांच शुरू की। वहीं कुछ को मंडलायुक्त कार्यालय बुलाया गया। लालबाग स्थित कार्यालय में जांच समिति के सामने 22 में से 15 इंजीनियर पेश हुए। वह सभी अपने साथ अपनी तैनाती के दौरान से जुड़े कागजों की फाइलें लेकर आए थे। समिति से पूछताछ के बाद जब वह बाहर निकले तो कई के चेहरे पर पसीना साफ दिखायी दे रहा था।
बर्खास्तगी की भी तलवार
जांच के दौरान दोषी इंजीनियरों के बीच आरोप सही पाए जाने पर बर्खास्तगी की चर्चा भी होने लगी। इन इंजीनियरों को बताया गया कि 50 वर्ष से अधिक आयु वाले इंजीनियर सेवा से बाहर हो सकते हैं। वहीं दोषी की सूची में शामिल अवर अभियंता उदयवीर सिंह ने कहा कि वह कभी होटल लेवाना के क्षेत्र में तैनात ही नहीं थे। जबकि रंगनाथ सिंह ने कहा कि वह तीन दिन यहां पर तैनात था।
कमिश्नर ने मांगी सभी की फोटो
इस मामले की मंडलायुक्त डा. रोशन जैकब, लविप्रा की चार सदस्यीय समिति के अलावा एक जांच पुलिस कमिश्नर एसबी शिरेडकर भी कर रहे हैं। पुलिस कमिश्नर की ओर से सभी दोषियों की सेवा से जुड़ी जानकारियों के साथ उनकी फोटो भी मांगी गई है। लविप्रा के अधिष्ठान विभाग की ओर से सभी दोषियों की फोटो और उनकी सेवा से जुड़ी जानकारी भेजी जा रही है।