राज्य पाठ्य-पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी ने बताया कि पूरी कोशिश की जा रही है कि महीने भर में जिलों तक पुस्तकें पहुंचा दी जाएं। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पहले से ही निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह स्कूलों तक जल्द से जल्द पुस्तकें पहुंचाने का प्रबंध करें। किताबों की छपाई का कार्य तेजी के साथ किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के कक्षा एक व कक्षा दो के 42 लाख विद्यार्थियों को अभी तक नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें नहीं मिली सकी हैं। एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र वर्ष 2024-25 शुरू हो चुका है। फिलहाल, अब चुनाव आयोग ने किताबें छापने के लिए हरी झंडी दे दी है। ऐसे में एक महीने का समय किताबों की छपाई में लगेगा। फिर पुस्तकें विद्यालयों में भेज दी जाएंगी। ऐसे में इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों के बस्ते अभी खाली ही रहेंगे। परिषदीय स्कूलों में इस शैक्षिक सत्र से कक्षा एक व कक्षा दो के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाई जानी हैं। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने में बेसिक शिक्षा विभाग को समय लग गया।
चुनाव आयोग से मिली अनुमति
वहीं, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। ऐसे में पुस्तकें छापने के लिए बिड की प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना जरूरी हो गया। फिलहाल, अब अनुमति मिल गई है और जल्द पुस्तकों की छपाई का कार्य शुरू करने की तैयारी है।
महीने भर में पुस्तकें पहुंचाने की कोशिश
राज्य पाठ्य-पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी ने बताया कि पूरी कोशिश की जा रही है कि महीने भर में जिलों तक पुस्तकें पहुंचा दी जाएं। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पहले से ही निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह स्कूलों तक जल्द से जल्द पुस्तकें पहुंचाने का प्रबंध करें। किताबों की छपाई का कार्य तेजी के साथ किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।