कमजोर कड़ी पर भाजपा की नजर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाला पहला मोर्चा

Mission 2024 Of BJP उत्तर प्रदेश के कुल पौने दो लाख बूथों का गुणा-भाग लगाकर बैठी भारतीय जनता पार्टी ने मिशन-2024 के तह सबसे पहले इन हारी हुई 14 सीटों के लिए ही रणनीति पर काम शुरू किया।

 

लखनऊ,  लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश से अधिक से अधिक सीट जीतने के अभियान में लगी भारतीय जनता पार्टी ने पहले कमजोर कड़ी यानी 2019 में पराजय झेलनी वाली सीटों पर ध्यान पूरी तरह से केन्द्रित कर दिया है। भाजपा को 2019 में 16 सीट पर हार का स्वाद चखना पड़ा था, जिसमें से दो पर पार्टी ने लोकसभा उप चुनाव में जीत दर्ज कर संख्या को 14 पर ला दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन 14 पर भी जीत का लक्ष्य लेकर मैदान में डट गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने बीते दिनों मुरादाबाद मंडल को मथा और फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर, मऊ, गाजीपुर में भी डटे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मैनपुरी को खंगाला।

भाजपा शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर केन्द्र सरकार के चार मंत्री भी 14 सीट पर प्रवास कर अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं। अब रणनीतिकार 2019 में इन सीटों पर भाजपा को मिली हार के कारणों का निदान करेंगे। अब उसी आधार पर चुनावी रणनीति को और धार देने की तैयारी है।

पौने दो लाख बूथों का गुणा-भाग लगाकर बैठी भाजपा

प्रदेश के कुल पौने दो लाख बूथों का गुणा-भाग लगाकर बैठी भाजपा ने मिशन-2024 के तह सबसे पहले इन हारी हुई 14 सीटों के लिए ही रणनीति पर काम शुरू किया। चार केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, अश्वनी वैष्णव, जितेंद्र सिंह और अन्नपूर्णा देवी के प्रवास कार्यक्रम तय हुए। उन्होंने अपने प्रवास कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संगठन पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं और आमजन से फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार की। कई बिंदुओं के प्रोफार्मा पर जानकारी दे दी है कि इन 14 सीटों पर विपक्ष कितना मजबूत है, उसके कारण क्या हैं और भाजपा के लिए संभावनाएं क्या हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश में 14 हारी सीटों की समीक्षा रिपोर्ट मंत्रियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह को सौंप दी है।

भाजपा गठबंधन को कुछ सीटों का नुकसान जरूर हुआ

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के सहारे प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर जीत दर्ज की। इसे देखते हुए ही 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा मिलकर भाजपा का सामना करने के लिए उतरीं। इससे भाजपा गठबंधन को कुछ सीटों का नुकसान जरूर हुआ, लेकिन विरोधी खेमा तब भी अपेक्षित सफलता नहीं पा सका। भाजपा गठबंधन ने 64 सीटें जीतीं, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने दस तथा समाजवादी पार्टी ने पांच सीट जीती। कांग्रेस सिर्फ रायबरेली तक सिमट गई।

भाजपा की नजर इन सीटों पर

  1. अम्बेडकरनगर-बपसा-रीतेश पाण्डेय
  2. अमरोहा-बसपा-कुंवर दानिश अली
  3. बिजनौर-बसपा-मलूक नागर
  4. गाजीपुर-बसपा-अफजाल अंसारी
  5. घोसी-बसपा-अतुल राय
  6. जौनपुर-बसपा-श्याम सिंह यादव
  7. लालगंज-बसपा-संगीता आजाद
  8. नगीना-बसपा-गिरीश चंद
  9. सहारनपुर-बसपा-हाजी फजलुर्रहमान
  10. श्रावस्ती-बसपा-राम शिरोमणि
  11. मैनपुरी-सपा-मुलायम सिंह यादव
  12. मुरादाबाद-सपा-डा. एसटी हसन
  13. सम्भल-सपा-डा. शफीकुर्रहमान बर्क
  14. रायबरेली-कांग्रेस-सोनिया गांधी

आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीट पर उप चुनाव में भाजपा ने हाल ही जीत दर्ज की है। यह दोनों सीट तो समाजवादी पार्टी के पास थीं। अब समाजवादी पार्टी के पास सिर्फ तीन सीट। मैनपुरी, सम्भल तथा मुरादाबाद ही हैं। अब भाजपा गठबंधन के पास 66 और विपक्षी दलों के पास 14 सीटें रह गई हैं।

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