कश्मीर को लेकर तालिबान की मदद लेगा पाकिस्तान, इमरान खान की पार्टी ने किया साजिश का खुलासा,

पाकिस्तान ने कश्मीर में भारतीय सेना के मुकाबले में अब तालिबान को खड़ा करने की साजिश से खुद ही पर्दा उठा दिया है। इमरान खान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार कश्मीर में तालिबान की मदद लेने पर बातचीत कर रही है।

 

इस्लामाबाद,  पाकिस्तान ने कश्मीर में भारतीय सेना के मुकाबले में अब तालिबान को खड़ा करने की अपनी साजिश से खुद ही पर्दा उठा दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार कश्मीर में तालिबान की मदद लेने पर बातचीत कर रही है।

पाकिस्तानी सत्तारूढ़ पीटीआइ की नेता ने दिया बयान

एक टीवी न्यूज डिबेट में पीटीआइ की नेता नीलम इरशाद शेख ने कहा कि तालिबान ने घोषणा की है कि वह कश्मीर में पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाएगा। उन्होंने पाकिस्तान में प्रसारित किए गए शो में कहा कि तालिबान का कहना है कि वह हमारे साथ है और कश्मीर में वह हमारी ‘मदद’ करेगा। हालांकि इससे पहले तालिबान ने कहा था कि कश्मीर भारत का आंतरिक और द्विपक्षीय मुद्दा है।

टीवी शो में कहा कि पाकिस्तान सरकार की तालिबान से चल रही है बातचीत

सत्तारूढ़ पीटीआइ के नेता के बयान से तुरंत चौंक गए एंकर ने पूछा, ‘मैडम आपको एहसास है आपने अभी क्या कहा है? आपको अंदाजा नहीं है, आप क्या बोल रही हैं। खुदा के वास्ते मैम यह शो पूरी दुनिया में दिखाया जाएगा। इसे लोग भारत में भी देखेंगे।’

एंकर की इन दलीलों से अप्रभावित लगीं इरशाद शेख ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि तालिबान हमारी मदद इसलिए करेगा क्योंकि उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया है। इससे पहले, अपदस्थ अफगान सरकार ने पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ पर आरोप लगाया था कि तालिबान की जीत में उनका बड़ा हाथ है।

 

पाक विदेश मंत्री अफगान पर बात करने जाएंगे ईरान समेत चार देश

इस्लामाबाद, प्रेट्र। अफगानिस्तान संकट पर बातचीत के लिए पाक विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी इसी हफ्ते ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान का दौरा करेंगे। पाक विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में जारी घटनाक्रमों पर वह पाकिस्तान के नजरिये को रखेंगे।

 

24-26 अगस्त के दौरान होने वाली यात्रा में वह नजदीकी परिपेक्ष्य में अहम समायोजन स्थापित करेंगे। उनके मूल्यांकन को देखकर उनके पड़ोसी देशों की तत्कालिक चुनौतियां क्या हैं, वह जानना चाहेंगे।

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