डीजीजीआई और डीआरआई की जांच के बाद अब इत्र कारोबारी पीयूष से आयकर विभाग जेल में पूछताछ करके 196 करोड़ रुपये और 23 किलो सोने के बिस्कुट के स्रोत की जानकारी का पता लगाने का प्रयास करेगा ।
कानपुर । महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) की जांच के बाद अब इत्र कारोबारी पीयूष जैन आयकर के घेरे में आ गया है। उसे 196 करोड़ रुपये की नकदी और 23 किलो सोने के बिस्कुट के स्रोत की जानकारी देनी होगी। इसके लिए आयकर अधिकारी नोटिस जारी कर जेल में पीयूष जैन से पूछताछ करेंगे।
डीजीजीआइ ने 22 दिसंबर को पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित आवास पर छापा मारा था, वहां उसके घर की दीवारों, अलमारियों से नोटों के बंडल निकले थे। आयकर विभाग को सूचना देकर उनके अधिकारी भी बुला लिए थे। पहले कानपुर में पीयूष जैन के घर और उसके बाद कन्नौज में उसकी फैक्ट्री पर टीम ने छापा मारा था। इस प्रक्रिया में 196 करोड़ रुपये नकद और 23 किलो सोने के बिस्कुट मिले थे, जिन पर विदेशी मुहर लगी थी। डीजीजीआइ ने इस धनराशि को स्टेट बैंक में जमाकर पीयूष जैन को जेल भेज दिया था। इसके बाद से डीजीजीआइ और डीआरआइ दोनों ही अपनी जांच कर चार्जशीट लगा चुकी हैं। अब डीजीजीआइ ने आयकर विभाग को अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसके आधार पर आयकर विभाग भी अपनी जांच शुरू करने जा रहा है।
पीयूष जैन और स्वजन को जारी होंगे नोटिस : आयकर विभाग पीयूष जैन और उनके स्वजन को नोटिस जारी करेगा। पीयूष जैन जेल में है, इसलिए आयकर के अधिकारी अनुमति लेकर जेल में ही उससे मिलने जाएंगे और बयान लेंगे। उससे पूछा जाएगा कि इतनी नकदी कहां से आई और किसने दी। 23 किलो सोना के बारे में भी पूछताछ होगी। आयकर अधिकारियों ने उससे मिलने से पहले अपने सवालों की सूची बनानी शुरू कर दी है। नकदी उसके घर से मिली है। इसलिए स्वजन से भी पूछताछ होगी।
10.5 करोड़ रुपये और चुकाने पड़ सकते : आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस तरह अभी तक पीयूष जैन ने डीजीजीआइ को अपनी आय का सोर्स नहीं बताया है। उसी तरह अगर आयकर को उसने स्रोत नहीं बताया तो यह रकम तो जब्त हो ही जाएगी, उसे 10.5 करोड़ रुपये और चुकाने पड़ सकते हैं क्योंकि ऐसी स्थिति में आयकर विभाग 105 प्रतिशत टैक्स और जुर्माना लगाता है। ऐसी स्थिति में 196 करोड़ नकदी, 23 किलो सोना तो जब्त हो जाएगा। इसके अलावा यह राशि और देनी होगी।