कानपुर मेें फर्जी जमानत से अपराधियों को जेल की सलाखों से छुड़ाने का बड़ा रैकेट चल रहा,

फर्जी जमानत मामले का पर्दाफाश पिछले वर्ष विशेष न्यायालय (गैंगस्टर एक्ट) के लिपिक की ओर से कोतवाली में मुकदमा लिखाने के बाद हुआ था। तत्कालीन डीआइजी डा. प्रीतिंदर सिंह ने एसआइटी का गठन किया था और विवेचना के बाद 19 जमानतदार व 82 अपराधियों के नाम सामने आए थे।

 

कानपुर,  फर्जी जमानत से अपराधियों को जेल की सलाखों से छुड़ाने का बड़ा रैकेट चल रहा है। एक अधिवक्ता समेत पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पिछले वर्ष पूर्वी व दक्षिण जोन के करीब ढाई सौ लोगों की जो सूची तैयार की थी, उसे भी विवेचना में शामिल किया है। इस सूची में अपराधी, माफिया, अधिवक्ता व जमानतदार शामिल हैं। सभी के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा। साथ ही पुलिस फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों का भी पता लगा रही है। गिरफ्तार आरोपितों के फोन की काल डिटेल से अहम सुराग मिले हैं।

फर्जी जमानत मामले का पर्दाफाश पिछले वर्ष विशेष न्यायालय (गैंगस्टर एक्ट) के लिपिक की ओर से कोतवाली में मुकदमा लिखाने के बाद हुआ था। तत्कालीन डीआइजी डा. प्रीतिंदर सिंह ने एसआइटी का गठन किया था और विवेचना के बाद 19 जमानतदार व 82 अपराधियों के नाम सामने आए थे। ज्यादातर जमानतदार बिठूर, चौबेपुर क्षेत्रों के रहने वाले थे। उन्होंने अपने बयान में बिठूर के एक अधिवक्ता का भी नाम बताया था, जो उन्हेंं जमानत देने के बदले रकम देता था। हालांकि पुलिस ने पुख्ता सुबूत न होने के कारण उस अधिवक्ता को आरोपित नहीं बनाया था, लेकिन प्रकाश में आए 61 आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था। बुधवार को क्राइम ब्रांच ने फर्जी जमानत कराने के मामले में एक अधिवक्ता शील कुमार गुप्ता समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया तो एक नए गैंग का राजफाश हुआ। पता लगा कि ये आरोपित जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराते थे। गिरफ्त में आए औरैया के वृंदावन व सुरेंद्र ने बताया कि आरोपित कानपुर शहर ही नहीं, आसपास के अन्य जिलों में भी अपराधियों की जमानत कराते थे।

कोतवाली पुलिस बढ़ाएगी पुराने केस की जांच का दायरा : कोतवाली में पिछले वर्ष दर्ज हुए मुकदमे की जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 101 लोगों के नाम सामने आए थे, जिसमें से 61 आरोपित जेल गए थे। फरार आरोपितों की तलाश फिर से शुरू की गई है। इसी के साथ पूर्वी व दक्षिण जोन के जिन ढाई सौ लोगों की सूची बनी थी, उनके खिलाफ भी सुबूत जुटाए जा रहे हैं।

कल्याणपुर पुलिस कर रही फर्जी दस्तावेज मामले की जांच : अधिवक्ता समेत पांच आरोपितों के गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए कल्याणपुर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की है। यहां भी काल डिटेल व अन्य दस्तावेजों के आधार पर नए सिरे से सूची बनाई जा रही है। दोनों ही थानों की पुलिस की मदद क्राइम ब्रांच की टीम करेगी। जो भी व्यक्ति दोषी मिलेगा, उसका नाम मुकदमे में बढ़ाकर गिरफ्तारी की जाएगी।

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