कानपुर हनी ट्रैप के मास्टर माइंड दारोगा पर चल रहे हैं नौ मामले, पहले भी हो चुका है बर्खास्त

कानपुर में हनी ट्रैप मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। सरकारी कर्मचारियों और कारोबारियों को फंसाकर वसूली करने वाले सिपाही रवींद्र सिंह राजपूत को पहले भी इन्हीं हरकतों की वजह से बर्खास्त हो चुका है। इतना ही नहीं उसपर पहले से कई मामले भी दर्ज हैं।

 

कानपुर :  हनी ट्रैप में सरकारी कर्मचारियों और कारोबारियों को फंसाकर वसूली करने वाले सिपाही रवींद्र सिंह राजपूत के खिलाफ पिछले दिनों कल्याणपुर पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में चार्जशीट दायर की थी। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को लेकर जब एडीजी भानु भास्कर ने मामले में जांच शुरू कराई तो सामने आया कि उक्त सिपाही ललितपुर में तैनाती के दौरान इन्हीं हरकतों के चलते बर्खास्त हो चुका है। उक्त प्रकरण में आरोपित युवती की सिपाही की एसएलआर लिए फोटो और रवींद्र के गिरोह चलाने की बात को स्वीकारते हुए युवती का एक आडियो भी वायरल हुआ है।

 

भवन निर्माण सामग्री बेचने का कारोबार करने वाले आवास विकास, केशवपुरम निवासी हरिश्चंद्र पांडेय के खिलाफ महोबा की श्यावन निवासी सीमा उर्फ साधना ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में हरिश्चंद्र तीन महीने तक जेल में रहे। जेल से बाहर आकर उन्होंने अपने खिलाफ आरोप लगाने वाले युवती की कुंडली खंगाली और पर्दाफाश किया कि युवती एक हनी ट्रैप गिरोह की सदस्य है, जो रईसों को दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास या छेड़छाड़ का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करती है। उनसे भी पचास लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। गिरोह में रवींद्र सिंह राजपूत सरगना है, जो कि यूपी पुलिस में सिपाही है। इसके अलावा गिरोह में इंद्रपाल और पुष्पेंद्र राजावत भी शामिल हैं।

कल्याणपुर पुलिस ने इन आरोपितों के खिलाफ पिछले दिनों इसी मामले में रंगदारी मांगने के आरोपों में चार्जशीट अदालत में दायर की थी। सिपाही के खिलाफ ऐसे नौ मामले प्रकाश में आए हैं और सामने आया है कि छतरपुर में इसी प्रकरण में वह जेल जा चुका है। दैनिक जागरण में पिछले दिनों यह खबर प्रकाशित हुई थी, जिसके बाद एडीजी भानु भास्कर ने मामले में जांच कराई। एडीजी ने बताया कि ललितपुर में तैनाती के दौरान सिपाही रवींद्र सिंह राजपूत को अपनी इन्हीं हरकतों के चलते तत्कालीन एसपी ललितपुर निखिल पाठक ने बर्खास्त कर दिया था।

 

सिपाही के खिलाफ अन्य मामलों का संज्ञान लेते हुए होगी कार्रवाई

सिपाही रवींद्र सिंह राजपूत के गिरोह में एक नहीं बल्कि कई लड़कियां शामिल हैं। सीमा राजपूत के बातचीत का एक आडियो सामने आया है, जिसमें वह स्वीकार कर रही है कि वह रवींद्र के कहने पर पैसे वालों को फंसाती थी। आरोप लगाकर पैसे वसूली होती थी। उसने यह भी बताया कि गिरोह में उसके अलावा भी कई लड़कियां हैं, लेकिन वह उन लड़कियों से कभी मिली नहीं। इसके अलावा सीमा राजपूत की सिपाही की कार्बाइन लिए एक फोटो भी प्रचलित हो रही है।

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