पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कारीडोर के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से 1000 वर्ग फिट जमीन आधिकारिक तौर पर लिखा पढ़ी के बाद सरकारी दस्तावेजों में मंदिर के पक्ष में दर्ज कर दी गई।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। लंबे समय से काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से काशी विश्वनाथ कारीडोर को और भी दिव्य और भव्य बनाने के लिए एक बड़ी सार्थक पहल सामने आई है। बाबा दरबार को दिव्य स्वरुप देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कारीडोर के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से 1000 वर्ग फिट जमीन आधिकारिक तौर पर लिखा पढ़ी के बाद सरकारी दस्तावेजों में मंदिर के पक्ष में दर्ज कर दी गई है। इस बाबत मंदिर कार्यालय की ओर से भी मस्जिद प्रशासन की ओर से जमीन हस्तांतरण की पुष्टि की गई है। जमीन हस्तांतरण के बाद अब श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को भव्य बनाने के लिए चल रहे कारीडोर के कार्य के लिए और भी जमीन मिल गई है। इसके बाद बाबा दरबार परिक्षेत्र में लगभग एक हजार वर्ग फिट का और इजाफा हो गया हैै।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से पूर्व में ही इस आशय की सहमति बातचीत के दौरान बनी थी। इसे अमलीजामा बकरीद और सावन माह के ठीक बीच में जमीन का हस्तांतरण करने की बात तय होने के बाद इसे मूर्त रूप दिया गया। आखिरकार मंदिर प्रशासन और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष के हिस्से की मौजूद जमीन का 1000 वर्ग फिट हिस्सा काशी विश्वनाथ कारीडोर को सौंप दिया दिया गया। इसके बाद तय समय पर पहल के बाद कारीडोर में 1000 वर्ग फिट का अतिरिक्त इजाफा हो गया है। हालांकि, इसके लिए मंदिर पक्ष के द्वारा बांसफाटक के पास इसके सापेक्ष जमीन को ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष को सौंपा गया है। माना जा रहा है कि यह जमीन के बदले जमीन देने का मामला होने से इसे कारीडोर के लिए जमीन खरीद का मामला नहीं माना जाएगा। मंदिर प्रशासनिक कार्यालय के अनुसार इस जमीन पर पहले अन्य निर्माण हुआ था। अब इसका प्रयोग काशी विश्वनाथ धाम कारीडोर के लिए किया जाएगा।
कारीडोर निर्माण में जमीन का यह हिस्सा रोड़ा बन रही थी। इस जमीन को लेकर कई बार आपस में दोनों पक्ष में बात हुई थी। आखिरकार पांच सौ मीटर की दूरी पर बांस फाटक के पास ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष को जमीन दी गई है। मुस्लिम पक्ष को जो जमीन दी गई है वह मंदिर प्रशासन ने उपलब्ध कराया है। इस बाबत पूर्व में शासन की ओर से भी जमीन को लेकर पहल की गई थी। आर्टिकल 31 के तहत एक्सचेंज आफ प्रापर्टी के तहत जारी दस्तावेजों में ई स्टांप के जरिए इस संपत्ति का हस्तांतरण किया गया है। इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से नौ लाख उनतीस हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी चुकाकर संपत्ति का हस्तांतरण किए जाने की जानकारी सामने आई है। जमीन के बारे में जारी रिपोर्ट के अनुसार जमीनों का हस्तांतरण आदि विश्वेश्वर और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से जमीनों की अदला बदली के तौर पर की गई है।
बोले कमिश्नर : 1000 वर्ग फिट जमीन मंदिर प्रशासन को दी गई है, कुल लगभग 1000 वर्ग फिट तक की जमीन का परिसर में इजाफा हुआ है। इसके लिए सहमति पहले ही बन चुकी थी। अब औपचारिक रूप से विधिक प्रक्रिया जमीन अधिक्रहण को लेकर पूरी कर ली गई है। – दीपक अग्रवाल, कमिश्नर।