पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण का मतदान खत्म हो गया है। इसके बाद 2 मई को पश्चिम बंगाल के साथ ही असम तमिलनाडु पुडुचेरी और केरल में वोटों की गिनती होगी। नतीजों से पहले इन प्रदेशों एग्जिट पोल आया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण का मतदान खत्म हो गया है। इसके बाद 2 मई को पश्चिम बंगाल के साथ ही असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में वोटों की गिनती होगी। नतीजों से पहले इन प्रदेशों एग्जिट पोल आया है। इसमें संभावित विजेताओं और पराजितों के बारे में एक मोटी तस्वीर सामने आ गई है। नतीजों की मोटी तस्वीर या खाका इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब यह जानना होता है कि किस ने किस उम्मीदवार और पार्टी को वोट दिया और किसको खारिज कर दिया।
पश्चिम बंगाल में ममता की फिर वापसी
पश्चिम बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई 2021 को पूरा हो रहा है। ऐसे में 30 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है। पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं। पिछले 10 साल से ममता बनर्जी यहां मुख्यमंत्री हैं। भाजपा ने यहां बहुत जोर लगाया है। अब देखना है कि ममता अपना किला बचा पाती है या नहीं।
एग्जिट पोल के मुताबित एबीपी और सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, बंगाल की 292 विधानसभा सीटों में तृणमूल कांग्रेस को 42.1 फीसद वोट मिल रहा है। वहीं भाजपा के खाते में 39.1 फीसद वोट मिलता दिख रहा है। इसके अलावा कांग्रेस को 15.4 फीसद वोट मिल सकते हैं।
एबीपी और सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, बंगाल की 292 विधानसभा सीटों में तृणमूल कांग्रेस को 152-164 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं भाजपा के खाते में 109-121 सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा कांग्रेस को 14- 25 सीटें मिल सकती हैं।
असम में क्या भाजपा कर पाएगी वापसी?
126 सीटों वाली असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में 15 साल से सत्तासीन कांग्रेस के शासन को उखाड़ फेंका था। 2016 के चुनाव में भाजपा को 86 सीटें मिलीं और सर्वानंद सोनोवाल राज्य के मुख्यमंत्री बने। इस बार कांग्रेस की अगुवाई वाली गठबंधन से भाजपा को कड़ी टक्कर मिल रही है।
एबीपी और सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, असम की 126 सीटों में भाजपा को 58-71 सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 53-66 सीटें मिलती दिख रही हैं। इसके अलावा अन्य के खाते में 5 सीटें जा सकती हैं।
असम में आज तक के एग्जिट पोल की मानें राज्य की 126 सीटों में से भाजपा+ को 75 से 85 और कांग्रेस को 40-50 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में 1-4 सीटें जा सकती हैं।
केरल में यूडीएफ और एलडीएफ के बीच टक्कर
इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के अनुसार यहां एलडीएफ के खाते में 47 फीसद वोट रहा, वहीं यूडीएफ के खाते में 38 फीसद और भाजपा के खाते में 12 फीसद वोट प्रतिशत रहा। वहीं सीटों की अगर बात करें तो केरल की 140 सीटों पर एलडीएफ के खाते में 104 से 120 सीटें मिलने का अनुमान है भाजपा को शून्य से 2 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं अन्य के खाते में भी शून्य से दो सीटों का अनुमान लगाया जा रहा है।
बता दें कि 140 सीटों वाली केरल विधानसभा का कार्यकाल एक जून को खत्म हो रहा है। राज्य में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 91 सीटों पर जीत हासिल की थी। पिनाराई विजयन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस की अगुवाई वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट दूसरे नंबर पर रहा था. इस बार भी दोनों के बीच कड़ी टक्कर है।
तमिलनाडु में क्या डीएमके की होगी वापसी?
तमिलनाडु विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को खत्म हो रहा है। 234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा के लिए 2016 में हुए चुनाव में जयललिता की अगुवाई में एआईएडीएमके ने जीत हासिल की थी। जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके मैदान में है। उसे डीएमके से कड़ी टक्कर मिल रही है।
पुडुचेरी में कड़ी टक्कर केंद्र
शासित प्रदेश पुदुचेरी में विधानसभा का कार्यकाल आठ जून को खत्म हो रहा है। 30 सीटों वाली पुडुचेरी विधानसभा के लिए 2016 में हुए चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए गठबंधन को जीत हासिल हुई थी। यूपीए को कुल 17 सीटों पर जीत मिली जिनमें कांग्रेस को अकेले 15 सीटें हासिल हुई थीं। हालांकि, चुनाव से पहली ही वहां सरकार गिर गई थी।