एक माह तक निस्तारण न होने पर किसान नेताओं ने दी बड़े आन्दोलन की चेतावनी कहा।सरकार अपने आप को किसान हितैषी भले ही बताती हो लेकिन धरातल पर कुछ और ही दिखाई पड़ता है अन्ना जानवरों के चलते किसान रातों में अपने घरों में सो तक नहीं पाते रात की ठिठुरती हुई ठंडक व दिन की चिलचिलाती धूप में भी लगते रहते है खेत के चक्कर।
आवाज –ए–लखनऊ ~ संवाददाता- महेन्द्र कुमार
हसनगंज उन्नाव- विकासखण्ड हसनगंज परिसर में भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक दल की जिलाअध्यक्ष किरण पटेल के निर्देशानुसार हसनगंज ब्लाक अध्यक्ष अमन वर्मा के नेतृत्व में आधा सैकड़ा किसानों ने ब्लॉक हसनगंज की पांच सूत्री पेंशन, आवास, किसान सम्मान निधि योजना ,रासन जैसी समस्याओं को लेकर खण्डविकास अधिकारी हसनगंज को सोपा ज्ञापन।
हसनगंज विकासखण्ड क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आधा सैकड़ा किसान साथियों को लेकर पहुंचे ब्लॉक परिसर कहां एक महीने तक सभी समस्याओं का निस्तारण हो जाना चाहिए यदि संबंधित अधिकारी एक माह तक समस्याओं का निस्तारण करने में असमर्थ रहे तो बड़े पैमाने पर होगा ब्लॉक परिसर में अनिश्चितकालीन धरना।
बताते चलें भले ही सरकार अपने आप को किसान हितैषी बताती हो लेकिन धरातल पर कुछ और ही दिखाई पड़ता है अन्ना जानवरों के चलते किसान रातों में अपने घरों में सो तक नहीं पाते रात की ठिठुरती हुई ठंडक व दिन की चिलचिलाती धूप में भी लगते रहते है खेत के चक्कर जरा सी भी आंख लगने पर झट फसल चट कर जाते हैं अन्ना मवेशी।
नवंबर माह में धान की फसल काटने के बाद गेहूं की फसल उगते ही रात-रात लगाना पड़ता है खेतों के चक्कर फसल बचाने के चक्कर में कई किसान जान गवा चुके हैं। दो
सरकार भले ही एक तरफ कहती हो कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे लेकिन हकीकत तो यही है कि दूसरी तरफ किसानों की लागत भी वापस नहीं मिल पा रही हैं।
कर्ज में डूबे किसान परिवार की कलह के चलते परेशान होकर आत्म दाह करने पर मजबूर हो जाते है।
उत्तर प्रदेश का अन्नदाता किसान मजबूर है भले ही सारे नियम कानून किसानों के लिए बनते हैं वास्तव में किसानों को सीधा लाभ नहीं मिल पाता सरकार ने गायों के लिए भले ही गौऊशालाओं के पुख्ता प्रबंध किए हैं लेकिन अच्छी खासी लागत से बने गौऊशालाओ में कहीं धान लगे हैं तो कहीं गौशाला में गाय ही नहीं है शिकायत करने पर संबंधित अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति का कार्य करने में ही अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।