नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत कॉरपोरेट और रिटेल सब्सक्राइबर्स की तादाद 30 लाख को पार कर गई है। वहीं इन दोनों सेग्मेंट में NPS के तहत कुल जमा राशि एक लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत कॉरपोरेट और रिटेल सब्सक्राइबर्स की तादाद 30 लाख को पार कर गई है। वहीं, इन दोनों सेग्मेंट में NPS के तहत कुल जमा राशि एक लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है। PFRDA के चेयरमैन सुप्रतिम बंधोपाध्याय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एनपीएस सब्सक्राइबर्स में मुख्य रूप से पांच श्रेणी के निवेशक हैं- केंद्र सरकार, राज्य सरकार, कॉरपोरेट, सभी नागरिक मॉडल और एनपीएस लाइट।
‘ऑल सिटीजन मॉडल’ की बात की जाए तो यह रिटेल कस्टमर्स से जुड़ा हुआ है। सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी NPS से इसलिए जुड़ते हैं क्योंकि उनके लिए ऐसा करना आवश्यक है। दूसरी ओर, रिटेल सेक्टर में लोगों के पास इससे जुड़ने या फिर नहीं जुड़ने का विकल्प मौजूद है।
बंधोपाध्याय ने मंगलवार को कहा कि रिटेल सेक्टर से NPS में निवेश करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”14 अगस्त तक नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर (कॉरपोरेट और आम नागरिक मॉडल) में सब्सक्राइबर्स की तादाद 30 लाख को पार कर गई। इनमें से रिटले हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
बंधोपाध्याय के मुताबिक तीन साल पहले (मार्च 2018) में रिटेल और कॉरपोरेट सब्सक्राइबर्स की तादाद महज 13-13.5 लाख थी। इस तरह देखा जाए तो पिछले तीन साल में इन दोनों कैटेगरी के सब्सक्राइबर्स की तादाद दोगुने को पार कर गई है।
उन्होंने कहा कि रिटेल कस्टमर गंभीर निवेशक होते हैं क्योंकि वे निवेश जारी रखते हैं। यह उनके अंशदान की राशि में दिखता है।
बंधोपाध्याय ने कहा, ”कॉरपोरेट और रिटेल सेग्मेंट में जमा राशि 97,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। यह भी एक लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े के करीब है।”
14 अगस्त तक कॉरपोरेट सब्सक्राइबर बेस 11.97 लाख पर था। यह मार्च, 2018 में 6.96 लाख पर था। रिटेल सेग्मेंट के सब्सक्राइबर्स की तादाद 18.06 लाख तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा तीन साल पहले 6.92 लाख पर था।
एक अप्रैल, 2015 से एनपीएस लाइट कैटेगरी में सब्सक्रिप्शन की अनुमति नहीं दी जाती है। इस कैटेगरी में सब्सक्राइबर्स बेस 42.92 लाख पर है।