कोरोना की दूसरी लहर के पीक की सटीक भविष्यवाणी मुश्किल, भारतीय वैज्ञानिकों का दावा,

देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो चुकी है। एक दिन में अब रोज करीब 4 लाख मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच कोरोना वायरस की दूसरी लहर के पीक का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि इसको लेकर अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है।

 

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत में कोरोना की बेकाबू हो चुकी दूसरी लहर क्या है, इसकी प्रकृति क्या है इसको लेकर अब तक कोई बात स्पष्ट नहीं हुई है। भारत के वैज्ञानिकों के एक समूह ने कहा है कि भारत में आई कोरोना वायरस की दूसरी लहर की प्रकृति कैसी है, इसको लेकर कोई सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए गणितीय मॉडल पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के एक समूह ने कहा कि है वे देश में आई विनाशकारी दूसरी लहर के सटीक प्रक्षेपवक्र (ट्रेजेक्ट्री) का अनुमान नहीं लगा सकते है क्योंकि समय के साथ वायरस की गतिशीलता और इसकी संक्रामकता में काफी बदलाव आया है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी और आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, एकीकृत रक्षा कर्मचारी उप प्रमुख माधुरी कानिटकर और आइआइटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया है कि गणितीय मॉडल ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर और अप्रैल के तीसरे हफ्ते में इसकी पीक की भविष्यवाणी की थी जिस दौरान लगभग एक लाख मामले रोज सामने आ रहे थे। उन्होंने उन रिपोर्टो को भी खारिज कर दिया है कि सूत्र मॉडल पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने मार्च में दूसरी लहर के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया था।

पिछले साल, सरकार ने मामलों के उछाल का पूर्वानुमान लगाने के लिए वैज्ञानिकों, गणितज्ञों और विशेषज्ञों का एक समूह बनाया था। उन्होंने कहा कि वायरस की प्रकृति बहुत तेजी से बदल रही है और ऐसे परिदृश्य में किसी भी भविष्यवाणी को लगातार पढ़ा जाना चाहिए, कभी-कभी दैनिक रूप से। उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हमारे इनपुट हमेशा सकारात्मक रूप से प्राप्त हुए हैं। जबकि हम पहले दूसरी लहर की सटीक प्रकृति का अनुमान नहीं लगा सकते थे, हम इसके भविष्य के अनुमान पर बेहतर अनुमान लगाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने दो अप्रैल को इसके इनपुट की मांग की थी जब उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल महीने के तीसरे सप्ताह के आसपास एक पीक आ जाएगी।इसके बाद 15 अप्रैल को भारत में 2,00,739 मामले दर्ज किए, जबकि 22 अप्रैल को 3,14,835 मामले दर्ज हुए। अपने पिछले सभी रिकार्डो को तोड़ते हुए देश ने एक मई को चार लाख से अधिक नए संक्रमणों के साथ दैनिक उच्च रिकार्ड तोड़ दिया। स्पष्ट रूप से इस उदाहरण में मॉडल की भविष्यवाणी गलत थी। ऐसे में कह सकते हैं कि दूसरी लहर को लेकर कोई सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *