कोरोना की दूसरी लहर के पीक के वक्त पाकिस्तानियों ने मांगी थी भारत के लिए दुआएं- स्टडी,

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के अलग एक ऐसा शोध सामने आया है जिसने भारत पाकिस्तान के लोगों के बीच के रिश्तों को समझाया है। एक स्टडी के मुताबिक जब भारत में कोरोना की दूसरी पीक पर थी तो पाकिस्तानी भारतीयों के लिए दुआएं मांग रहे थे।

 

इस्लामाबाद,  अप्रैल के अंत में जब भारत कोरोना महामारी की जबदस्त दूसरी लहर के संकट में घिरा था जब सीमा पार से पाकिस्तान के लोग भारतीयों के लिए दुआएं मांग रहे थे। यह बात एक नए शोध में सामने आई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा संचालित एक अध्ययन में कहा गया है कि अधिकांश पाकिस्तानियों ने उस वक्त अपने पड़ोसी देश भारत के लोगों के प्रति भावनाएं व्यक्त कीं औऱ दुआएं मांगी जब वह कोरोना की गंभीर दूसरी लहर से जूझ रहा था। पाकिस्तान के जिओ टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक यह शोध दयालुता, सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त करने वाले पाकिस्तानी लोगों के ट्वीट्स पर केंद्रित था। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह पता चला है कि 21 अप्रैल से 4 मई के बीच पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा पोस्ट किए गए अधिकांश ट्वीट भारत के प्रति सकारात्मक थे।

आशिक खुदाबुख्श के नेतृत्व में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी (सीएमयू) के शोधकर्ताओं की टीम ने 300,000 ट्वीट्स पर अपना अध्ययन किया। पाकिस्तान के लोग #IndiaNeedsOxygen और #PakistanStandsWithIndia के साथ इंटरनेट मीडिया पर भारत के लिए दुआएं माँग रहे थे। शोधकर्ताओं ने इनके टेक्स्ट को ‘होप सर्च क्लासिफ़ायर’ में डाला जो भाषा में सकारात्मकता को समझने में मदद करता है। ये टूल ‘शत्रुता कम करने वालीं सकारात्मक बातें’ या प्रार्थना, सहानुभूति, संकट और एकजुटता जैसे शब्दों की पहचान करता है।

उनकी स्टडी में सामने आया कि इस दौरान पाकिस्तान से शुरू होने वाले समर्थन वाले ट्विट्स की संख्या समर्थन नहीं करने वाले ट्विट्स की संख्या से बहुत अधिक थी। शोध में पाया गया कि पाकिस्तान से भारत में कोविड संकट के बारे में पोस्ट किए गए 85 प्रतिशत से अधिक ट्वीट समर्थन में थे। साथ ही ऐसे ट्वीट को ज़्यादा लाइक और रिट्वीट भी मिले।खुदाबख्श ने कहा कि हमारी रिसर्च से पता चला कि लोग अपनी भावनाओं को कैसे प्रकट करते हैं। इनमें एक समानता है। अगर आप खोजना शुरू करें तो 44 प्रतिशत से अधिक आपको पॉज़िटिव ट्वीट मिलेंगे। अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में, जब भारतीय अस्पतालों में बिस्तर ख़त्म होने लगे। ऑक्सीजन की तलाश में लोग घूम रहे थे। तब सीमा पार से पाकिस्तान के लोग समर्थन और एकजुटता की बातें कर रहे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *