कोरोना के प्रसार का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सीरो सर्वे शुरू करेगा आइसीएमआर,

आईसीएमआर अगले सीरो सर्वे के लिए इसी महीने काम शुरू करेगा। लेकिन अगर हम अपने भौगोलिक क्षेत्रों की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें अकेले राष्ट्रीय सीरो सर्वे पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा हमें राज्यों को सीरो सर्वे के लिए भी प्रोत्साहित करना होगा।

 

नई दिल्ली, देश में कोरोना के प्रसार का आकलन करने के लिए आइसीएमआर अब सीरो सर्वे शुुरू करने जा रहा है। इस मामले की अधिक जानकारी देते हुए नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर सीरो सर्वे की तैयारी की जा चुकी है। आईसीएमआर अगले सीरो सर्वे के लिए इसी महीने काम शुरू करेगा। लेकिन अगर हम अपने भौगोलिक क्षेत्रों की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें अकेले राष्ट्रीय सीरोसर्वे पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, हमें राज्यों को सीरो सर्वे के लिए भी प्रोत्साहित करना होगा।

कोरोना महामारी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जहां 7 मई को देश में प्रतिदिन के हिसाब से 4,14,000 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले 24 घंटों में 91,702 मामले देश में दर्ज किए गए हैं। पिछले 4 दिनों से देश में 1 लाख से कम नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। तीन मई को देश में कोरोना का रिकवरी रेट 81.8 फीसद था, जो कि अब 94.9 फीसद हो गया है। पिछले 24 घंटों में 1,34,580 कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं। 4 मई को देश में 531 ऐसे जिले थे, जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे थे, ऐसे जिले अब 196 रह गए हैं।

वैक्सीन की बर्बादी में कमी से टीकाकरण में वृद्धि होगी सुनिश्चित 

इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक 24.61 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंट लाइन वर्कर्स की पहली डोज पर अच्छा काम किया गया, अब हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि इनको दूसरी डोज समय पर लगे। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की बर्बादी में कमी से टीकाकरण में वृद्धि सुनिश्चित होगी।

स्थिर होती दिख रही है कोरोना महामारी

देश में कोरोना की स्थित को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब यह महामारी स्थिर होती दिख रही है, लेकिन लोगों को अभी भी कोरोना प्रोटोकॉल और शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता है। भारत में 30 अप्रैल से 6 मई के बीच 21.6 फीसद की उच्चतम दर के बाद से साप्ताहिक कोरोना की सकारात्मकता दर में लगभग 74 फीसद की कमी आई है।

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