कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में आगे आए निकोलस पूरन और जयदेव उनादकट, दान करेंगे सैलेरी,

पंजाब किंग्स (PBKS) के बल्लेबाज निकोल्स पूरन ने आइपीएल की कमाई का कुछ हिस्सा कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से जूझ रहे भारत के लिए दान देने का फैसला किया है। वहीं राजस्थान रॉयल्स (RR) के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट अपनी आइपीएल सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा दान करेंगे।

 

नई दिल्ली, प्रेट्र। पंजाब किंग्स (PBKS) के बल्लेबाज निकोल्स पूरन ने आइपीएल की कमाई का कुछ हिस्सा कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से जूझ रहे भारत के लिए दान देने का फैसला किया है। पूरन ने इसके साथ ही भारत के लोगों से जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने का अनुरोध किया। वहीं राजस्थान रॉयल्स (RR) के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट अपनी आइपीएल सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा कोरोना रोगियों की मदद के लिए दान करेंगे, जिन्हें आवश्यक चिकित्सा संसाधन की आवश्यकता है। गुजरात के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। उनको राजस्थान ने 2020 के आइपीएल नीलामी में 3 करोड़ रुपये में खरीदा था।

ट्विटर पर जारी वीडियो में पूरन ने कहा, ‘अगर आप वैक्सीन लगवा सकते हैं तो कृपया ऐसा करें, मैं अपने हिस्सा का काम करूंगा जिसमें भारत के लिए प्रार्थना करना जारी रखने के साथ इस संकट से उबरने के लिए अपने आइपीएल वेतन का एक हिस्सा दान करना चाहूंगा। मैं दुनिया भर में अपने सभी प्रशंसकों एवं समर्थकों को बताना चाहता हूं कि मैं भारत में आइपीएल में सुरक्षित और बेहतर स्थिति में हूं। लेकिन, इस तरह की त्रासदी के इतने करीब होना भी हमारे दिलों को तोड़ने वाली बात है। एक ऐसे देश के लिए जिसने हमें वर्षो से इतना प्यार और समर्थन दिखाया है, मैं अपने साथी खिलाड़ियों के साथ मिलकर भारत में इस स्थिति को लेकर कुछ जागरूकता लाने में मदद कर सकता हूं।’ मौजूदा सत्र में पंजाब किंग्स के लिए छह मैच खेलने वाले पूरन से पहले उनकी फ्रेंचाइजी ने भी आक्सीजन कनसंट्रेटर्स दान करने का वादा किया था।

उनादकट ने कहा, ‘मैं अपने आइपीएल वेतन का 10% योगदान जरूरतमंद लोगों के लिए आवश्यक चिकित्सा संसाधन प्रदान करने के लिए दे रहा हूं। मेरा परिवार यह सुनिश्चित करेगा कि यह सही स्थान पर पहुंचे। जय हिन्द। हमारा देश काफी संकट से गुजर रहा है और इस स्थिति को देखते हुए हम कितने भाग्यशाली हैं कि क्रिकेट खेल पा रहे हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इस समय क्रिकेट खेलना सही या गलत है, लेकिन ईमानदारी से इस स्थिति में परिवार और दोस्तों से दूर रहना मुश्किल है।’

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