गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर की बैठक, घाटी में सुरक्षा स्थिति व विकास कार्यक्रमों पर हुई चर्चा

बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मंत्रालय के उच्च अधिकारी अर्धसैनिक बलों जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बता दें कि आज सुबह जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से आए चार भारी हथियारों से लैस आतंकी मारे गए थे।

 

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विकासात्मक परियोजनाओं और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मंत्रालय के उच्च अधिकारी, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बता दें कि आज सुबह जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से आए चार भारी हथियारों से लैस आतंकी मारे गए थे।

 

घाटी को लेकर अमित शाह ने की बैठकबैठक दौरान गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की और पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का सफाया करने के लिए उठाए जाने वाले कदम पर चर्चा की और गृह मंत्री अमित शाह ने घाटी में शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों पर विस्तार से बातचीत की। साथ ही बैठक में केंद्र शासित प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यक्रमों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

हालिया महीनों में आतंकियों की कोशिशें नाकामअधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई हैं, जिनमें मासूम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले और सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, सुरक्षा बलों ने जम्मू के सिधरा इलाके में बुधवार सुबह एक मुठभेड़ के बाद चार आतंकवादियों को मार गिराया, जो पाकिस्तान से आए थे।

आतंकियों ने हिट लिस्ट की थी जारीइस महीने की शुरुआत में, ऐसी खबरें थीं कि एक आतंकवादी समूह ने 56 कर्मचारियों की हिट लिस्ट जारी की थी और उसके बाद घाटी में कार्यरत कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य दहशत में थे। लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े एक ब्लॉग ने 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची प्रकाशित की, जिन्हें प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किया गया था।

बैठक में लद्दाख को लेकर भी चर्चाबता दें कि आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं के बाद, घाटी में कार्यरत कई कश्मीरी पंडित जम्मू चले गए हैं और वे स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर 200 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने पिछले दिनों संसद को सूचित किया था कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जुलाई 2022 तक जम्मू कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों सहित 118 नागरिक मारे गए हैं। गृह मंत्री ने एक अलग बैठक में लद्दाख में कार्यान्वित विकास कार्यों की भी समीक्षा की।

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