अगर आप घर बनाने की तैयारी में हैं तो यह काम जल्द से जल्द कर लें। सीमेंट कंपनियां दामों में जल्द ही बढ़ोतरी कर सकती हैं। आपको बता दें कि अभी सरिया के दाम भी बहुत कम हो गए हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । देश भर में जल्द ही सीमेंट की कीमतें बढ़ सकती हैं। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने कहा कि सीमेंट की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और इस साल अगस्त से इसकी कीमत 16 रुपये प्रति बैग बढ़ गई है। एमके ग्लोबल ने कहा कि नवंबर में कीमतों में करीब 6-7 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी हुई।
देश के पश्चिमी और मध्य हिस्सों में कीमतें स्थिर रहीं। उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में कीमतें बढ़ गईं। रिपोर्ट के मुताबिक, सीमेंट कंपनियां कीमतों में इस महीने 10-15 रुपये प्रति बोरी बढ़ोतरी का प्रयास कर रही हैं। एमके ग्लोबल का मानना है कि इन कंपनियों द्वारा वॉल्यूम पुश दिसंबर में सीमित होने की संभावना है। यह निकट अवधि में मूल्य निर्धारण की प्रवृत्ति के लिए सकारात्मक संकेत है।
बढ़ सकती हैं सीमेंट की कीमतें
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने अपने बयान में कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में सीमेंट की कीमतों में सुधार के साथ-साथ वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में सीमेंट उद्योग की प्रॉफिटेबिलिटी 200 रुपये प्रति टन क्यूओक्यू से बढ़ जाएगी। हाल के दिनों में सीमेंट कंपनी के शेयरों में मांग में सुधार की वजह से कीमतें बढ़ी हैं और लागत में गिरावट आई है।
सीमेंट उद्योग के अच्छे दिनपूरे भारत में सीमेंट की कीमतों में औसतन दो फीसद की बढ़ोतरी हुई है। पूर्वी क्षेत्र में लगातार तीसरी बार दाम बढे़ हैं। पिछले महीने कीमतों में 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में माह-दर-माह 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। दक्षिणी और उत्तरी क्षेत्रों में एक प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई, जबकि मध्य क्षेत्रों में यह सपाट रही। जोरदार मांग के साथ सीमेंट कंपनियां इस महीने कीमतों में एक और बढ़ोतरी की तैयारी कर रही हैं। उधर केयर रेटिंग्स ने कहा कि हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों की तेजी से सीमेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 22 में रिकवरी के साथ तेज विकास देखा है।
350 मिलियन टन की मांग के साथ सीमेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 19 में 331 मीट्रिक टन के पूर्व-कोविड स्तर को पार कर लिया और वित्त वर्ष 23 में इसके 8-9 प्रतिशत वार्षिक रूप से बढ़ने की उम्मीद है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और रियल एस्टेट में तेजी से मांग को और समर्थन मिलने की संभावना है।