उत्तर प्रदेश का कोई भी विभाग हो बगैर चढ़ावे के कोई कार्य नहीं होता। ज्ञात हुआ है कि विद्युत विभाग से पांच कर्मचारियों का स्थानांतरण हुआ कार्यालय मुख्य अभियंता के कार्यालय से अधिशाषी अभियंता विद्युत नगरीय परीक्षण खण्ड-तृतीय के राकेश चन्द्र टीजी-2 का स्थानांतरण हुआ अधीक्षण अभियंता ने पांच कर्मचारियों में से चार को तो तत्काल रिलीव कर दिया गया परन्तु अधीक्षण अभियंता ने अपने चहेते राकेश चन्द्र को रिलीव नहीं किया, राकेश चन्द्र बदस्तूर आज भी अपनी सीट पर कार्यरत है यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?
लखनऊ : आवाज़ — ए — लखनऊ ( अनिल मेहता ) आप नई दिल्ली से लखनऊ आ रहे हो तो स्लीपर में बर्थ आरक्षित हो, जब आप अपने स्लीपर में घुसे तो स्लीपर का नजारा देख कर दंग रह जायेगे। आपके बर्थ पर जिन लोगों का आरक्षण नहीं होता है वे लोग जमे रहते है अगर आप उनसे पूछागे तो सभी वह लोग यही बताएंगे कि उन लोगो को इस कूपे का टीटी बैठा गया है पूछने पर उन लोगों ने बताया कि,जिन लोगों का आरक्षण नहीं है उन लोगों के लिए जुगाड़ लगाने गया है, अब स्लीपर कूपे का हाल पढ़िए, स्लीपर की फर्श पर तथा कूपे में स्थित शौचालय से लेकर बाहर निकलने के दरवाज़े तक लोग चादर बिछा कर बैठे थे यह लोग बिना टीटी के सहमति के तो बैठे नहीं होंगे?
तो चाहे केन्द्र हो या फिर उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार का दीमक हर जगह लगा हुआ है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में भी भ्रष्टाचार का दीमक लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश का कोई भी विभाग हो बगैर चढ़ावे के कोई कार्य नहीं होता। ज्ञात हुआ है कि विद्युत विभाग से पांच कर्मचारियों का स्थानांतरण हुआ कार्यालय मुख्य अभियंता के कार्यालय से अधिशाषी अभियंता विद्युत नगरीय परीक्षण खण्ड-तृतीय के राकेश चन्द्र टीजी-2 का स्थानांतरण हुआ अधीक्षण अभियंता ने पांच कर्मचारियों में से चार को तो तत्काल रिलीव कर दिया गया परन्तु अधीक्षण अभियंता ने अपने चहेते राकेश चन्द्र को रिलीव नहीं किया, राकेश चन्द्र बदस्तूर आज भी अपनी सीट पर कार्यरत है यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?