चीन के शहर शंघाई में लाकडाउन से लोगों का बुरा हाल, खाने के भी पड़ रहे लाले

कोरोना के बड़े प्रकोप को झेल रहे चीन के शहर शंघाई में लाकडाउन के कारण लोगों का बुरा हाल है। लोगों को खाने के लाले पड़ रहे हैं। लोगों को अपने घरों तक सीमित कर दिया गया है। आवश्यक कारणों से भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

 

 नई दिल्ली । कोरोना के बड़े प्रकोप को झेल रहे चीन के शहर शंघाई में लाकडाउन के कारण लोगों का बुरा हाल है। लोगों को खाने के लाले पड़ रहे हैं। बीबीसी ने यह रिपोर्ट की है। निवासियों को अपने घरों तक सीमित कर दिया गया है। किराने की खरीदारी जैसे आवश्यक कारणों से भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

चीन के सबसे बड़े शहर में गुरुवार को लगभग 20,000 कोरेाना के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि शहर के लोगों को कठिनाइयों का सामना कर रहा है, लेकिन उनका कहना है कि वे इसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अन्य कठोर उपायों के कारण जनता का गुस्सा भी बढ़ रहा है जैसे कि कोरेाना टेस्‍ट में पाजिटिव आने पर बच्चों को उनके माता-पिता से हटाना शामिल है।

शंघाई अधिकारियों ने बाद में उन माता-पिता को अनुमति देकर जवाब दिया, जो अपने बच्चों के साथ आइसोलेशन केंद्रों में संक्रमित थे। बीबीसी ने यह जानकारी दी है कि शहर ने हर मामले की पहचान करने और उसे अलग करने के लिए बुधवार को अनिवार्य सामूहिक टेस्‍ट का एक और दौर शुरू किया। पाजिटिव आने पर शंघाई निवासी अपने घरों में खुद को अलग नहीं कर सकते। भले ही उनकी स्थिति हल्की या स्पर्शोन्मुख हो। उन्हें अनिवार्य क्‍वारंटाइन सुविधाओं में जाना पड़ता है, जबकि आलोचकों का कहना है कि क्‍वारंटाइन सेंटर में भीड़ हो गई है। वहां स्थितियां एक समान नहीं हैं।

जब ओमिक्रान पहली बार शंघाई में एक महीने पहले उभरा तो शहर ने कुछ हिस्‍सों को छोड़ कर लाकडाउन लगा दिया गया। फिर जैसे ही वायरस फैला तो अधिकारियों ने पिछले हफ्ते एक चौंका देने वाला लाकडाउन लागू किया, जहां शहर को दो हिस्सों में विभाजित किया गया। इसमें आधे के लिए अलग-अलग उपाय किए गए। 25 लाख लोगों के शंघाई शहर में सोमवार को लाकडाउन को अनिश्चित काल के लिए पूरे शहर में कवर करते हुए बढ़ा दिया गया।

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