भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच भूटान नरेश की भारत यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भूटान की सीमा भारत और चीन दोनों से मिलती है और चीन के साथ उसका भी सीमा विवाद चल रहा है।
नई दिल्ली, पीटीआई : भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक तीन दिनों की भारत यात्रा पर हैं। दोनों देशों की द्विपक्षीय वार्ता से पहले मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच भूटान नरेश की भारत यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भूटान की सीमा भारत और चीन, दोनों से मिलती है और चीन के साथ उसका भी सीमा विवाद चल रहा है। दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के तौर पर देखा जा रहा है।
कई मायनों में अहम मुलाकातपीएम मोदी और भूटान नरेश के बीच हुई वार्ता को लेकर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूटान नरेश की भारत यात्रा को कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को और विस्तार देने के तौर पर देखा जा रहा है। ब्रीफिंग के दौरान जब क्वात्रा से डोकलाम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि भारत और भूटान सुरक्षा सहयोग को लेकर लगातार एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चाक्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी और भूटान नरेश के बीच बैठक में राष्ट्रीय हित के कई मुद्दों समेत द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं को शामिल किया गया। इससे पहले सोमवार शाम विदेश मंत्री जयशंकर ने वांगचुक से मुलाकात की और उनसे द्विपक्षीय विषयों पर वार्ता की। मुलाकात के बाद विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि भारत और भूटान के खास संबंधों पर भूटान नरेश के विचार बेहद उत्साहवर्धक हैं। वह दोनों देशों के संबंध बढ़ाने और उन्हें अधिक मजबूत बनाने के पक्षधर हैं।
भारत और भूटान के बीच दशकों पुराने संबंधउल्लेखनीय है कि भारत और भूटान के बीच दशकों पुराना महत्वपूर्ण रक्षा समझौता है। इसी के चलते भारत ने 2017 में डोकलाम के तिकोने हिस्से पर चीन के कब्जे के विरोध में वहां पर सेना की तैनाती कर दी थी। डोकलाम में 73 दिनों की सैन्य तैनाती के बाद चीन की सेना वापस लौटी थी और उस स्थान पर यथास्थिति कायम रही थी। डोकलाम से भारत, भूटान और चीन की सीमाएं लगती हैं। इसका रणनीतिक रूप से बड़ा महत्व है। भूटान ने 2021 में चीन के साथ समझौता कर अपने सीमा विवाद को समाप्त करने की कोशिश की थी लेकिन अभी तक वह पूरी तरह से निपटा नहीं है।