शुक्रवार शाम वह दवा लेने के बहाने घर से निकली। राज के साथ जूही कलां स्थित अस्पताल से माइग्रेन की दवा भी ली। इसके बाद सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। राज को बाहर खड़ाकर वह शौचालय के अंदर चली गई। वहां उसने अपना मुंह कपड़े से बांधकर खुद का ऐसा वीडियो बनाया जिससे उसके पिता अगर देखें तो उसकी जान बचाने के लिए फिरौती की रकम तुरंत दे दें।
कानपुर : पिता से 10 लाख रुपये फिरौती मांगने के लिए अपने ही अपहरण की कहानी गढ़ने वाली छात्रा ने अपहरण का वीडियो प्रेमी से पति बने राज के घर पर नहीं बल्कि सेंट्रल स्टेशन के शौचालय में बनाया था। उस वक्त वह अकेली ही थी। उसने कुछ ऐसा वीडियो बनाकर पिता को भेजा था ताकि वह डरकर फिरौती देने के लिए आसानी से तैयार हो जाएं। हालांकि रकम न मिलने और उसके द्वारा फोन चालू कर पिता से बात करने की वजह से पुलिस की रडार पर आ गई और बस्ती रेलवे स्टेशन से पकड़ी गई। सोमवार को पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। डीसीपी दक्षिण रवींद्र कुमार ने बताया कि बर्रा विश्वबैंक निवासी 21 वर्षीय छात्रा शुक्रवार शाम दवा लेने की बात कहकर घर से निकली थी लेकिन लौटी नहीं।
रात आठ बजे पिता के मोबाइल पर छात्रा के नंबर से वाट्सएप पर वीडियो व आडियो रिकार्डिंग आई। वीडियो में छात्रा के मुंह पर कपड़ा बंधा था। वाइस रिकार्डिंग के जरिये 10 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। सोमवार को छात्रा व उसके प्रेमी को पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया। डीसीपी के मुताबिक, पूछताछ में छात्रा ने पुलिस को बताया है कि कोर्ट मैरिज करने के बाद राज के साथ घर से भागकर अलग रहने के लिए उसे रुपये की जरूरत थी। राज पर पहले से ही कर्ज था। साथ ही उसके इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई के लिए रुपयों की भी जरूरत थी। तभी उसने राज के साथ मिलकर खुद के अपहरण की कहानी रची और अपने ही पिता से 10 लाख रुपये फिरौती के रूप में वसूलने की योजना बनाई।
शुक्रवार शाम वह दवा लेने के बहाने घर से निकली। राज के साथ जूही कलां स्थित अस्पताल से माइग्रेन की दवा भी ली। इसके बाद सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। राज को बाहर खड़ाकर वह शौचालय के अंदर चली गई। वहां उसने अपना मुंह कपड़े से बांधकर खुद का ऐसा वीडियो बनाया, जिससे उसके पिता अगर देखें तो उसकी जान बचाने के लिए फिरौती की रकम तुरंत दे दें।वहीं से राज ने वाइस चेंजर एप के जरिये 10 लाख रुपये फिरौती मांगने की वाइस रिकार्डिंग भी भेज दी। फिर दोनों झकरकटी बस अड्डे पहुंचे और लखनऊ चले गए।
डीसीपी के मुताबिक, छात्रा ने चारबाग के पास एटीएम से रुपये निकाले। पिता के मोबाइल पर जब रुपये निकलने का मैसेज आया तो पुलिस सक्रिय हो गई। एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय संग पुलिस की एक टीम लखनऊ पहुंची। छात्रा एटीएम से जाते दिखी थी। इसके बाद आगे के सीसी कैमरे खंगाले गए तो हजरतगंज में राज के गले में हाथ डालकर छात्रा सीसी कैमरे में दिखी, जो पिता को भेजे गए वीडियो के दो घंटे बाद का था। दोनों के मोबाइल बंद थे। जांच में पता चला कि छात्रा व राज ने 22 मई को कोर्ट मैरिज भी कर ली थी। हालांकि राज ने इसमें अपना पता बर्रा-छह के स्थान पर कैंट दर्शाया है।
ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे दोनों
एसीपी अभिषेक पांडेय ने बताया कि शनिवार शाम को भी छात्रा के नंबर से पिता के पास काल पहुंची और फिरौती की रकम रविवार दोपहर 12 बजे तक छात्रा के खाते में डालने के लिए कहा। जब कॉल ट्रेस की गई तो वह गोंडा की निकली। टीम गोंडा पहुंची। यहां बस व रेलवे स्टेशन समेत कई जगहों पर जांच की लेकिन वे नहीं मिले। पुलिस अगली काल का इंतजार करती रही। तीसरी कॉल रविवार दोपहर को आई पर लोकेशन रनिंग रही। इसलिए पता नहीं लग पाया। फिर पुलिस गोंडा में रुककर अगली काल का इंतजार करने लगी। इस दौरान पुलिस ने छात्रा के स्वजन को समझा रखा था कि कुछ देर बातों में उलझाए रखें, जिससे उन्हें ट्रेस किया जा सके और ऐसा ही हुआ।
रविवार शाम साढ़े सात बजे फिर काल आई और 10 लाख का इंतजाम न करने पर छात्रा को जान से मार देने की धमकी दी। इस बार उनकी लोकेशन बस्ती रेलवे स्टेशन की निकली। टीम रात में गोंडा से बस्ती पहुंची और दोनों को पकड़ लिया। जांच में सामने आया कि राज ने वाइस चेंजर एप के जरिए आवाज बदलकर फिरौती मांगी थी। पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर रंगदारी, साजिश रचने, छल करने की धारा बढ़ाई है। व्यक्ति: सुनो, छात्रा का नाम लेते हुए उसे सही सलामत देखना चाहते हो तो कल शाम छह बजे तक अकाउंट में 10 लाख रुपये पहुंचा देना और ज्यादा समझदार बनने की कोशिश मत करना। इसका सबूत तुम्हे दे दे रहे हैं देख लो और जरा सी भी होशियारी की तो (आपत्तिजनक शब्द बोलते हुए) वीडियो भी भेज देंगे।
छात्रा: हेलो, मम्मी से बात करा दो मेरी।
भाई: मम्मी हास्पिटल में हैं, तबीयत खराब है। वह होश में नहीं हैं। पापा जी गांव गए हैं खेत बेचने।
छात्रा: रोते हुए पापाजी से कह दो, आखिरी कॉल है ये। इसके बाद वे लोग नहीं छोड़ेंगे।
भाई: कहां तो तुम
छात्रा: ये लोग पूछ रहे हैं पैसे कब तक हो पाएंगे,जल्दी बताओ-जल्दी बताओ।
भाई: पापा गांव गए हैं व्यवस्था करने, तुम यहां से गई कहां पर थी। फोन स्पीकर पर है
छात्रा: हां, बोल दो कर दें आज, प्लीज
छात्रा: आलोक प्लीज हमको यहां से निकाल लो, पैसे दे दें। मेरे अकाउंट पर दे दें। पीएनबी वाले में भेज दें। प्लीज आलोक अभी करवा दो मम्मी के पास आना है। प्लीज कर दो।
भाई: तुम हो कहां, कितने लोग हैं
छात्रा: पापाजी को लाइन पर लो।
छात्रा: पापाजी कहां हो,
पापा: बेटा पैसे का इंतजाम कर लिया है। तुम्हे मालूम था कि पैसा घर पर नहीं है। गांव से पांच लाख की व्यवस्था कर ली है। सुबह 11 बजे तक हो पाएंगे। पैसे कहां देने हैं।
छात्रा: पापाजी मेरे पंजाब नेशनल बैंक में जमा करने हैं।
पापा: 11 से 12 तक कर देंगे। प्लॉट वाला किया है। तुम्हे पता है और मेरा पास पैसा नहीं है। अगर होता तो तुम्हारे लिए एजुकेशन लोन काहे लेते। तुम वहां कैसे पहुंच गई। तुम दवा लेने गई थी। कौन तुम्हे लिवा गया था।
क्राइम पेट्रोल सीरियल ज्यादा देखती थी छात्रा
एसीपी ने बताया कि छात्रा क्राइम पेट्रोल सीरियल बहुत देखती थी। उसने जब अपहरण की योजना बनाई तो उसे ये पता था कि सर्विलांस उसके नंबर को ट्रेस न करे बाकी उसे कुछ नहीं होगा। इसीलिए वह रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के पास कॉल करती थी, जिससे अगर पुलिस जब तक नंबर ट्रेस करेगी तब तक वह दूसरी जगह पहुंच चुकी होगी। एसीपी ने बताया कि दोनों के पास ज्यादा रुपये नहीं थे। इसलिए वह अयोध्या के मंदिर व अन्य मंदिरों में भंडारा खाते थे। वहीं, टेक्स्ट मैसेज कर पिता को संदेश पहुंचा रुपये की मांग कर मोबाइल बंद कर देती थी। चौथी बार फोन खुला तो दोनों पकड़े गए।