जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान भारत में सोने की डिमांड में रिकवरी देखने को मिली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में इस कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में सोने की मांग 37 फीसद की वृद्धि के साथ 140 टन पर पहुंच गया।
मुंबई, पीटीआइ। इस साल जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान भारत में सोने की डिमांड में रिकवरी देखने को मिली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में इस कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में सोने की मांग 37 फीसद की वृद्धि के साथ 140 टन पर पहुंच गया। कोविड से जुड़ी पाबंदियों में ढील मिलने, मांग बढ़ने और कीमतों में नरमी से डिमांड में रिकवरी दर्ज की गई। WGC के आंकड़ों के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2020 की पहली तिमाही में सोने की कुल मांग 102 टन की रही थी।
इस कैलेंडर वर्ष के पहले तीन महीनों में वैल्यू के लिहाज से सोने की डिमांड में 57 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। वैल्यू के लिहाज से जनवरी से मार्च की अवधि में 58,800 करोड़ रुपये की गोल्ड डिमांड देखने को मिली। पिछले साल की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 37,580 करोड़ रुपये का रहा था।
WGC के आंकड़ों के मुताबिक देश में ज्वेलरी की डिमांड पिछले कैलेंडर वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में 39 फीसद बढ़कर 102.5 टन पर रही। पिछले साल जनवरी-मार्च में यह आंकड़ा 73.9 टन पर रहा था।
वैल्यू के लिहाज से देखा जाए तो भारत में इस साल जनवरी से मार्च के दौरान ज्वेलरी की डिमांड 58 फीसद की वृद्धि के साथ 43,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 27,230 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
आलोच्य तिमाही के दौरान निवेश मांग 34 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 37.5 टन पर पहुंच गई, जो 2020 की समान अवधि में 28.1 फीसद पर रही थी। वैल्यू टर्म में निवेश मांग 53 फीसद की तेजी के साथ 15,780 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पिछले साल की जनवरी से मार्च तिमाही में यह आंकड़ा 10,350 करोड़ रुपये पर रहा था।