आतिथ्य प्रौद्योगिकी और पर्यटन उद्योग परिसंघ ने शनिवार को कहा कि बड़े पैमाने पर कोविड-19 रोकथाम टीकाकरण और महामारी से संबंधित नए नियमों से पर्यटन क्षेत्र धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है ।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आतिथ्य, प्रौद्योगिकी और पर्यटन उद्योग (Hospitality news) परिसंघ ने शनिवार को कहा कि बड़े पैमाने पर कोविड-19 रोकथाम टीकाकरण और महामारी से संबंधित नए नियमों से पर्यटन क्षेत्र धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।
उद्योग निकाय ने एक बयान में कहा कि यह जरूरी है कि इससे होने वाले लाभ व्यापक और उचित तरीके से हासिल हो सके। एयरबीएनबी इंडिया, दक्षिणपूर्व एशिया, हांगकांग और ताइवान के महाप्रबंधक अमनप्रीत बजाज ने कहा, ‘‘पर्यटन क्षेत्र विशेष रूप से घरेलू यात्रा क्षेत्र पटरी पर लौट रहा है। भारतीय यात्री अब सड़क के माध्यम से यात्राएं, सप्ताहांत अवकाश और आसपास घूमने-फिरने वाली जगहों पर जाना शुरू कर रहे है।’’
उन्होंने कहा कि यात्री अब पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यात्रा कर रहे हैं और और यात्रा के लिए पर्यावरण अनुकूल विकल्प चुन रहे हैं। वही मेकमाईट्रिप के सह-संस्थापक और समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राजेश मगो ने कहा, ‘‘महामारी ने यात्रियों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लोग यात्रा के दौरान पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की तलाश करते हैं, जो उत्साहजनक है।’’
इस बीच यात्रा और पर्यटन उद्योग ने सरकार से भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) को 7 प्रतिशत तक बहाल करने का आग्रह किया है, जैसा कि पहले भुगतान किया गया था। यह उस क्षेत्र का समर्थन करने के लिए है जो महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। वाणिज्य मंत्रालय को एक प्रतिनिधित्व में, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) ने कहा है कि टूर ऑपरेटरों के लिए वित्त वर्ष 20 के लिए एसईआईएस स्क्रिप्स जारी करने का निर्णय एक योग्य कदम है, लेकिन यह निराशाजनक है कि लाभ 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
आईएटीओ के अध्यक्ष राजीव ने कहा, पिछले 18 महीनों से, इनबाउंड टूर ऑपरेटरों की आय लगभग शून्य थी, जिनमें से कई ने अपने व्यवसायों को बंद कर दिया था। इसे देखते हुए, एसईआईएस के लाभ की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी क्योंकि इससे पर्यटन क्षेत्र को इस संकट से उबारने में मदद करने के लिए कुछ वित्तीय सहायता मिलेगी।
विचार-विमर्श के दौरान, सरकार से एकमुश्त उपाय के रूप में इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का अनुरोध किया गया था, हालांकि लाभ को कम करने और इसे 5 करोड़ रुपये तक सीमित करने से उद्योग को निराशा हुई है। 5 प्रतिशत की कमी से छोटे और मध्यम टूर ऑपरेटरों पर असर पड़ेगा जबकि 5 करोड़ रुपये की सीमा से बड़े टूर ऑपरेटरों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है।