टेस्ट में ‘बेस्ट’ और वर्ल्ड कप में ‘परफेक्ट’ बल्लेबाज रहे हैं गौतम गंभीर

भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को भले ही सुपरस्टार क्रिकेटरों में न गिना जाता हो लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने एक ऐसा कमाल किया है जो आज तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी नहीं कर पाया है।

 

नई दिल्ली : किसी को जुबानी जंग में मात देनी हो, किसी को बल्ले से जवाब देना हो या फिर मैदान पर आक्रामक नजर आना हो, ये सभी काम गौतम गंभीर के लिए बाएं हाथ का खेल रहा है। जी हां, बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने देश के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेली और अब क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वे नई दिल्ली (पूर्वी दिल्ली सीट) से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद भवन तक पहुंच गए हैं। जिस तरह वे क्रिकेट के मैदान पर अपने विरोधियों पर बरसते थे, उसी प्रकार गौतम गंभीर अपने राजनीतिक विरोधियों पर भी प्रहार करते हैं। आज गौतम गंभीर का 40वां जन्मदिन है और इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि गौतम गंभीर ने अपने क्रिकेटर करियर में क्या कुछ हासिल किया है।

भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में एक ऐसा कमाल भारत के लिए किया है, जो आज तक कोई नहीं कर पाया है। गंभीर ने लगातार पांच टेस्ट मैचों में शतक जड़ा है और वे ऐसा करने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं। इतना ही नहीं, लगातार पांच टेस्ट मैचों में पांच शतक जड़ने वाले वे दुनिया के एकमात्र बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। मौजूदा समय में गौतम गंभीर के इस खास रिकार्ड के आसपास कोई भी खिलाड़ी नहीं है, क्योंकि लगातार शतक जड़ना आसान काम नहीं है। गौतम गंभीर से ज्यादा लगातार टेस्ट शतक जड़ने का रिकार्ड आस्ट्रेलिया के पूर्व महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन के नाम है। डान ब्रैडमैन ने 6 मैचों में 6 शतक जड़े थे, जबकि पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहम्मद युसुफ भी पांच टेस्ट मैचों में पांच शतक जड़ चुके हैं।

14 अक्टूबर 1981 को देश की राजधानी दिल्ली में जन्मे गौतम गंभीर ने एक दशक से ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली है और अपना एक अलग मुकाम बनाया है गौतम गंभीर के ही दम पर भारत ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 और वनडे विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला जीता था, क्योंकि वे दोनों फाइनल्स में सबसे बड़े रन स्कोरर थे, लेकिन उनको प्लेयर आफ द मैच का खिताब नहीं मिला था। हालांकि, इस बात का अफसोस उनको ज्यादा नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि उनका अल्टीमेट गोल तो देश को वर्ल्ड कप जिताना था और वो उन्होंने देश के लिए भलीभांति कर दिखाया।

T20 वर्ल्ड कप 2007 में गंभीर का प्रदर्शन

साउथ अफ्रीका में खेले गए T20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में भारतीय टीम का सामना चिरप्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान से हुआ, जहां खिताबी जीत में गौतम गंभीर ने बल्ले से अहम योगदान दिया। गंभीर ने महज 54 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 75 रन की पारी खेली। अगर गंभीर इतनी शानदार पारी नहीं खेलते तो भारत अच्छे स्कोर तक नहीं पहुंच पाता। इस मुकाबले को भारत ने 5 रन से जीता।

 

वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में गौती की परफॉर्मेंस

साल 2011 में एमएस धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब जीता। आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में टीम इंडिया का सामना श्रीलंका से हुआ। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 276 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम को वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के रूप में दो झटके लगे, लेकिन गौतम गंभीर तब तक क्रीज पर डटे रहे जब तक देशवासियों को जीत की महक नहीं आई।

बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर ने ने नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए उस वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ 122 गेंदों में 9 चौकों की मदद से 97 रन की बेसकीमती पारी खेली और टीम इंडिया को चैंपियन बना दिया। हैरान करने वाली बात ये रही कि गौतम गंभीर को इन दोनों ही वर्ल्ड कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच का खिताब नहीं मिला, लेकिन इस बात का गौती को कभी मलाल नहीं रहा, क्योंकि वे देश को आगे समझते हैं।

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