लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने ट्रांसपोर्ट नगर योजना के चार सौ भूखंडों का भविष्य फिलहाल सुरक्षित कर दिया है। ट्रांसपोर्टर द्वारा किए जा रहे संघर्ष ने रंग लाना शुरू कर दिया है। बुधवार को भी ट्रांसपोर्टरों का प्रतिनिधिमंडल लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार से मिला था।
लखनऊ, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने ट्रांसपोर्ट नगर योजना के चार सौ भूखंडों का भविष्य फिलहाल सुरक्षित कर दिया है। ट्रांसपोर्टर द्वारा किए जा रहे संघर्ष ने रंग लाना शुरू कर दिया है। बुधवार को भी ट्रांसपोर्टरों का प्रतिनिधिमंडल लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार से मिला था। माना जा रहा है जिन चार सौ भूखंडों का आवंटन लेवी के कारण निरस्त किया जा रहा था, उनसे लेवी जमा कराकर उन्हें नियमित किया जा सकता है।
लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि जल्द ही उपाध्यक्ष द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट आ जाएगी, उसके बाद निर्णय लेकर आगे कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण की ट्रांसपोर्ट नगर योजना में आवंटियों को भूखंड लीज पर दिए गए थे। नियमानुसार आवंटियों का निर्माण एक निर्धारित तिथि पर कराना था, लेकिन दस साल तक सैकड़ों भूखंड पर निर्माण नहीं कराए गए।
लविप्रा के सर्वे में चार सौ ऐसे भूखंड मिले। इनको नोटिस भेजकर लेवी न जमा होने के साथ ही नियमों का हवाला देते हुए आवंटन निरस्त करने बात लविप्रा ने लिखी थी। इस पर ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयर हाउस ओनएर्स एसोसिसएशन के अध्यक्ष टीपीएस अनेजा व प्रवक्ता राज नारायण सिंह अपनी सहयोगियों के साथ इसे नियमित कराने के लिए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी से कई बार मिल चुके थे।
लविप्रा अफसरों के मुताबिक नियमानुसार लीज पर आवंटित भूखंड पर तीन साल तक निर्माण करना होता है, फिर दो साल की और फिर पांच साल की लेवी जमा करके उपाध्यक्ष इजाजत दे सकता है, अगर इसके बाद भी भूखंड पर निर्माण नहीं है तो आवंटन निरस्त किया जाने का नियम है। मगर अब आवंटियों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें राहत पहुंचाने की पहल शुरू की जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक पूरी संभावना है कि लेवी लेकर 400 फ्लैटों का आवंटन निरस्त नहीं किया जाएगा। इससे आवंटियों को बढ़ी राहत मिल सकती है।