कोविड संक्रमण के दौरान ट्रेनाें की संख्या कम होने के साथ ही प्लेटफार्म पर जाने की भी सख्ती हो गई थी। जिसके चलते 2020 में वारदात काफी कम हुईं। इधर जनवरी 2021 के बाद से ट्रेनों की संख्या बढ़ी तो चोरी करने वाले फिर सक्रिय हो गए।
कानपुर, पिछले पांच माह में एक के बाद एक सामने आई चोरी की वारदातों ने जीआरपी को हिला कर रख दिया है। चोरी की इन घटनाओं पर सक्रिय हुई जीआरपी ने बुधवार की देर रात दो शातिर चोरों को धर दबोचा। आरोपितों के पास से सोने के कई आभूषण, मोबाइल, लैपटॉप और नशीला पदार्थ बरामद हुआ है।
कोविड संक्रमण के दौरान ट्रेनाें की संख्या कम होने के साथ ही प्लेटफार्म पर जाने की भी सख्ती हो गई थी। जिसके चलते 2020 में वारदात काफी कम हुईं। इधर, जनवरी 2021 के बाद से ट्रेनों की संख्या बढ़ी तो चोरी करने वाले फिर सक्रिय हो गए। पांच माह में चोरी की एक के बाद एक कई घटनाएं घटित हुईं तो जीआरपी ने सक्रियता का परिचय देते हुए सुरागकशी शुरू कर दी। इसी क्रम में 27 मई की रात 12:10 बजे जीआरपी ने घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहे दो शातिर चोरों को दबोच लिया। दोनों हैरिसगंज पुल के आगे रेलवे लाइन के पास बनी पानी की टंकी के पास से पकड़े गए। पकड़े गए एक आरोपित ने अपना नाम अमित जायसवाल निवासी बसंतगंज, वेवली थाना सलोन रायबरेली बताया जबकि दूसरा नीरज जायसवाल माधुपुर नवाबगंज प्रयागराज का रहने वाला है।
इनका ये है कहना: जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि दोनों आरक्षित टिकट लेकर रात में यात्रा करते थे। इसी दौरान यात्रियों से घुल-मिल जाते थे। आधी रात में जब यात्री गहरी नींद में होते तभी यह दोनों वारदात को अंजाम देकर अगले स्टेशन पर उतर जाते थे। महिलाओं के पर्स और चार्जिंग पर लगाए गए मोबाइल पर इनकी निगाह ज्यादा रहती थी।
यह माल हुआ बरामद: तीन सोने की चेन, दो मंगलसूत्र, छह अंगूठी, एक जोड़ी झुमका, कान के झाले, पायल, बिछिया, विभिन्न कंपनियों के 20 मोबाइल, दो लैपटाॅप, दो हजार रुपये और 230 ग्राम नशीला पाउडर बरामद हुआ है। जीआरपी ने इनकी कीमत करीब दस लाख रुपये आंकी है।