ठंड बढ़ने पर भी क्यों नहीं मर रहे, क्या मच्छरों में बढ़ गई ठंड सहने की क्षमता, जानें वजह

सर्दी की शुरुआत हो गई है। न्यूनतम तापमान भी गिरकर 14-16 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है लेकिन डेंगू मच्छर का प्रकोप कम नहीं हो रहा। जबकि माना जाता है कि 24 डिग्री सेल्सियस के नीचे तापमान आने पर डेंगू मच्छर निष्कि्रय हो जाता है।

 

मुरादाबाद ।  सर्दी की शुरुआत हो गई है। न्यूनतम तापमान भी गिरकर 14-15 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है लेकिन, डेंगू मच्छर का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि यह माना जाता है कि 24 डिग्री सेल्सियस के नीचे तापमान आने पर डेंगू मच्छर निष्कि्रय हो जाता है।

डॉक्टरों ने बताया क्यों नहीं कम हो रहा डेंगूडॉक्टरों का कहना है कि समय के साथ डेंगू मच्छर में ठंड सहने की क्षमता बढ़ गई है। यही कारण है कि तापमान में लगातार गिरावट के बावजूद डेंगू के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति होने के बाद भी मुरादाबाद में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मच्छर मारने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहे हैं।

दीपावली के बाद खत्म हो जाता है डेंगूअमूमन हर साल डेंगू के मच्छर बरसात खत्म होने के बाद (सितंबर के द्वितीय सप्ताह से) पनपने लगते हैं। इसके बाद दीपावली के बाद डेंगू खत्म होना शुरू हो जाता है। डेंगू के मच्छर आम मच्छर से अलग होते हैं। यह कहीं भी पर जमा हुए साफ में पनपता है। इस मच्छर में 24 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर डेंगू के विषाणु फैलाने की क्षमता होती है।

सुबह और शाम के तापमान में गिरावटवर्तमान में रात के अलावा सुबह व शाम का तापमान 13 से 16 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। धूप निकलने पर दोपहर में जरूर 24 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। ठंड होने के बाद डेंगू होने का खतरा कम होनी चाहिए। इसके बावजूद प्रत्येक दिन डेंगू के रोगी लगातार मिलते जा रहे हैं।

मुरादाबाद में मिल चुके हैं 356 मरीजअभी तक मुरादाबाद जिले में 356 डेंगू के रोगी की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग कर चुका है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मच्छर को नष्ट करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से नीचे आने पर डेंगू का मच्छर निष्क्रिय हो जाता है, इसके बाद डेंगू नहीं होता है।

डेंगू मच्छर में ठंड सहने की क्षमता बढ़ीमुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि डेंगू मच्छर में ठंड सहने की क्षमता बढ़ गई है। इसलिए डेंगू का असर कम नहीं हुआ है। शहरी आबादी में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान के द्वारा दवाओं का छिड़काव कराने की व्यवस्था की है।

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