पुलिसकर्मियों की इंटरनेट मीडिया पर रील बनाकर लाइक और फैन फालोइंग बढ़ाने की चाहत को बढ़ा झटका लग सकता है। इतना ही नहीं उन्हें नौकरी से बर्खास्त तक किया जा सकता है। डीजीपी डीएस चौहान खाकी में रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों को सख्त चेतावनी दी है।
लखनऊ । इंटरनेट मीडिया पर पुलिसकर्मियों की आपत्तिजनक व अमर्यादित वायरल पोस्टों को डीजीपी डीएस चौहान ने बेहद गंभीरता से लिया है। कहा है कि वर्दी में किसी प्रकार का आपत्तिजनक कृत्य आचरण नियमावली का उल्लंघन है और इस प्रकार पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी। उन्हें सेवा से बर्खास्त तक किया जाएगा।
डीजीपी ने इंटरनेट मीडिया पर पुलिसकर्मियों के व्यवहार को लेकर निर्धारित नीति को और सख्त बनाने का निर्देश भी दिया है। डीजीपी ने अधीनस्थों को यह कठोर संदेश मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान दिया। प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद ने पहली बार डीजीपी मुख्यालय पहुंचकर सभी जोन के एडीजी व पुलिस आयुक्तों के अलावा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर आने वाले त्योहारों की सुरक्षा-व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रण को लेकर कड़े निर्देश दिए।
डीजीपी तथा प्रमुख सचिव, गृह ने सभी जिलों में बेहतर यातायात प्रबंध किए जाने के भी विस्तृत निर्देश दिए। प्रमुख सचिव, गृह ने नियमित जनसुनवाई, फुट पेट्रोलिंग, जिलों में प्रबुद्ध वर्ग से नियमित संवाद, मानीटरिंग सेल की नियमित बैठक व पुलिस के रिस्पांस टाइम में सुधार पर विशेष जोर दिया। पुलिसकर्मियों के संतुलित व्यवहार को लेकर भी कड़े निर्देश दिए। डीजीपी ने आने वाले दिनों में नवरात्र व दशहरा समेत अन्य प्रमुख अवसरों पर भीड़ प्रबंधन व नियंत्रण को लेकर कड़े निर्देश दिए। कहा कि इसे लेकर अभी से सभी तैयारियां कर ली जाएं और तकनीक का पूरा उपयोग किया जाए। कहा कि संगठित अपराध, सूचीबद्ध माफिया, मादक पदार्थ व अवैध शराब तस्करों के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई जारी रहेगी।
डीजीपी ने विशेषकर पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि इंटरनेट मीडिया पर पुलिसकर्मी द्वारा किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता पर तत्काल कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। आम जनता के मध्य पुलिस की छवि एक स्वच्छ, अनुशासित बल तथा एक सेवक के रूप में परिलक्षित होनी चाहिए। डीजीपी ने अवैध कार्यों में लिप्त तथा जनता से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को पुलिस लाइन का नियमित भ्रमण करने का निर्देश दिया। कहा कि शुक्रवार की परेड में पुलिस अधीक्षक व अन्य राजपत्रित अधिकारी अवश्य सम्मिलित हों। इंटरनेट मीडिया की मानीटरिंग बढ़ाए जाने की बात भी कही।
राज्य मानवाधिकारी आयोग ने दुष्कर्म की घटनाओं पर डीजीपी से मांगा जवाबराज्य मानवाधिकार आयोग ने अलग-अलग जिलों में हुई दुष्कर्म की घटनाओं को बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह ने डीजीपी को सभी मामलों की जांच अपने पर्यवेक्षण में कराकर छह सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। कहा है कि डीजीपी अपनी टिप्पणी के साथ आख्या प्रस्तुत करेंगे। आयोग ने दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचारों का स्वत :संज्ञान लिया है।
राज्य मानवाधिकारी आयोग ने छह सप्ताह में तलब की रिपोर्टआयोग ने पीलीभीत में दुष्कर्म में विफल होने पर किशोरी को जलाये जाने, बरेली में किशोरी को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म, मुजफ्फरनगर में ससुर के महिला से दुष्कर्म करने के बाद पति के उसे फोन पर ही तीन तलाक दिए जाने तथा हापुड़ में छात्रा से दुष्कर्म की घटनाओं को गंभीरता से लिया है। डीजीपी को इन सभी मामलों की गहनता से जांच कराए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि डीजीपी अपने पर्यवेक्षण में जांच कराकर उसकी रिपोर्ट आयोग को देंगे।