‘तस्वीर किसी के भी साथ हो सकती है’ मास्टरमाइंड सदाकत संग फोटो वायरल होने पर अखिलेश की सफाई

उमेश पाल हत्‍याकांड के मुख्‍य साज‍िश कर्ता सदाकत अली खान के साथ अख‍िलेश यादव की फोटो वायरल होने के बाद जवाब में सपा प्रमुख ने कहा क‍ि कल मेरी तस्‍वीर मुख्‍यमंत्री के साथ खाना खाने की है। ऐसे में तस्‍वीर तो क‍िसी के साथ भी वायरल हो सकती है।

 

प्रयागाराज,  उमेश पाल हत्याकांड के मुख्‍य साज‍िशकर्ता सदाकत खान के साथ इंटरनेट मीड‍िया पर तस्‍वीर वायरल होने के बाद प्रदेश के स‍ियासी गल‍ियारों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। इस पर सपा प्रमुख अख‍िलेश यादव ने कहा क‍ि कल खाना खाते समय हमारी तस्‍वीर मुख्‍यमंत्री जी के साथ थी।

उमेश पाल के हत्यारे के साथ वायरल हो रही अपनी तस्वीर पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पलटवार करते हुए कहा क‍ि तस्वीर किसी के साथ भी हो सकती है। कल खाना खाते समय हमारी तस्वीर मुख्यमंत्री जी के साथ थी। आज सोशल मीडिया का जमाना है। कोई भी आता है और फोटो खिंचाता है। उस फोटो में लाने वाला भी साथ में है।

 

बता दें क‍ि अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का मुख्‍य आरोपित सदाकत अली खान है। वह मुस्लिम बोर्डिंग हास्‍टल में अवैध रूप से रहकर नेतागिरी और तमाम अन्य गतिविधियों में लिप्त रहता। इस हत्याकांड के शूटर गुलाम ने उसके साथ मिलकर वारदात का ताना-बाना बुना। सदाकत को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। भागने का कोशिश में वह डिवाइडर से टकराकर घायल हो गया इसलिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। उससे तमाम पूछताछ की जा रही है। षड़यंत्र का पूरा किस्सा उजागर हो चुका है।

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि सदाकत गाजीपुर के गहमर के बारा का रहने वाला है। उसने प्रयागराज में रहकर एलएलबी की डिग्री ली और हाई कोर्ट में वकालत करने लगा। इधर वह विश्वविद्यालय परिसर में छात्र नेतागिरी में भी सक्रिय रहता। भाजपा के एक पूर्व विधायक के साथ उसने इंटरनेट मीडिया पर फोटो डाली है। उसका मिलना-जुलना मेहंदौरी के गुलाम से हुआ। गुलाम अक्सर उसके पास मुस्लिम हास्टल के कमरे में आने लगा। गुलाम का भी पूर्व विधायक के साथ उठना-बैठना रहा है।

हालांकि फिर उसने पूर्व विधायक से दूरी बना ली और अतीक गैंग के साथ हो गया। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, गुलाम ने सदाकत के कमरे में उमेेश पाल हत्याकांड की रूपरेखा तैयार की थी। गुलाम के साथ दूसरे शूटर भी इन बैठकों में शामिल होने सदाकत के कमरे में पहुंचते रहे हैं। सदाकत को कहा गया था कि उसे अतीक गिरोह के जमीन के मामले देखने का काम सौंपा जाएगा जिसमें मोटी कमाई होती है। इसीलिए उसने गुलाम और अन्य शूटरों को अपने कमरे में बैठकर साजिश रचने में सहायता की।

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