तहसील हसनगंज सभागार में सम्मपन्न हुआ संपूर्ण समाधान दिवस ।

पुलिस कमिश्नर रोशन जैकब ने सुनी फरियादियों की फरियादे व अधिकारियों को निस्तारण करने के दिए आदेश एक महिला सात बार प्रार्थना पत्र दे चुकी लेकिन उसकी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा संपूर्ण समाधान समाप्त होने के बाद आप कुछ मामलों का निस्तारण आज अवश्य करें जिससे कि अगले समाधान दिवस में शिकायतकर्ता शिकायत लेकर ना आए स्कूल व सड़क, पेंशन
उन्नाव : आवाज –ए–लखनऊ – संवाददाता महेन्द्र कुमार। हसनगंज, सभागार परिसर में महीने के प्रथम शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न हुआ संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे फरियादियों की समस्याओं को कमिश्नर रोशन जैकब व जिला अधिकारी अपूर्वा दूबे , पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी ,उप जिलाधिकारी अंकित शुक्ला व मुख्य चिकित्सा अधिकारी उन्नाव हसनगंज क्षेत्र अधिकारी ने सुना।
आम जनमानस की मूल समस्याएं नाली , खड़ंजा , बिजली , आपूर्ति वरासत , सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा आदि मामले सामने आए बताते चलें कि कमिश्नर महोदया रोशन जैकब ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जाए जिस का पट्टा हो वह उचित जानकारी करके उसे दिलाने का कार्य किया जाए वरासत कार्यप्रणाली जैसे 45 दिनों में पूरी नहीं की जा रही है उस पर ध्यान दिया जाए
औरास थाना और हसनगंज थाना बना जांच का विषय  पुलिस कमिश्नर महोदया ने एसपी को आदेशित करत हुए कहा कि औरास थाने में एक महिला से 5000रु ले लिए गए पर उसका निस्तारण नहीं किया गया उसी प्रकार हसनगंज थाने में एक महिला सात बार प्रार्थना पत्र दे चुकी लेकिन उसकी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा संपूर्ण समाधान समाप्त होने के बाद आप कुछ मामलों का निस्तारण आज अवश्य करें जिससे कि अगले समाधान दिवस में शिकायतकर्ता शिकायत लेकर ना आए स्कूल व सड़क, पेंशन ,
राशन कार्ड जैसी व्यवस्थाओं को आप लोग खुद मौके पर जाकर देख सकते हैं उसका निस्तारण कर सकते हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं का अवलोकन करने की बात रखी मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यही भरसक प्रयास है कि शिकायतों को सिर्फ कागजों पर ही निस्तारण न किया जाए बल्कि मौके पर जाकर संबंधित अधिकारी निरीक्षण करके समाधान करें उच्च स्तरीय संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 40 फ़ीसदी शिकायतें बेबुनियादी हो सकती हैं लेकिन 60 फ़ीसदी शिकायतें का निस्तारण करना ही चाहिए जो जिस विभाग से संबंधित है वह अपने संबंधित अधिकारी की मदद के द्वारा समस्या का निस्तारण करें।

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