तीन नये कृषि कानून देश की खाद्य सुरक्षा पर आघात, हो जाएगा अनाज का संकट: येचुरी

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानून देश की खाद्य सुरक्षा पर आघात हैं। ये कानून अगर बरकरार रहे तो अनाज का संकट उत्पन्न हो जाएगा। कृषि कानूनों का तो उद्देश्य ही अलग है। किसानों की मांग नाजायज नहीं है। उनका बस इतना कहना है कि कृषि सुधार का कानून बनाना है, तो पहले उनसे बात की जाए। साथ ही उसके पहले वर्तमान कानून वापस लिए जाएं।

श्री येचुरी रविवार को पटना के अवर अभियंता भवन में पार्टी नेता गणेश शंकर विद्यार्थी की श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे। कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी ने पूरा जीवन किसानों और मजदूरों के हित की लड़ाई लड़ने में बिता दी, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है। करोड़ों युवकों की नौकरी चली गई और कोरोना काल में भी बड़े घरानों की संपत्ति में 13 लाख करोड़ का इजाफा हुआ।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश के संविधान पर खतरा उत्पन्न हो गया है। हिन्दू राष्ट्र बनाने की साजिश में संविधान बड़ा अवरोध है। लिहाजा संविधान को ही बदलने की साजिश चल रही है। आशंका जताई कि अगर अलग-अलग मत होने के बावजूद सभी दल एकजुट नहीं हुए तो देश टूट जाएगा। देश में पहली बार देखा जा रहा है कि कोई जज किसी पीएम की प्रशंसा कर रहा है। किसी की निजी राय हो सकती है। जिन संस्थाओं को स्वतंत्र होना चाहिए उनका राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने की। सीपीआई के रामनरेश पांडेय, माले के कुणाल, राजद के श्याम रजक, आलोक मेहता और उदय नारायण चौधरी सहित महागठबंधन के कई नेताओं और कवि आलोक धन्वा ने भी संबोधित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *